ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में इस बार बदलाव के संकेत साफ नजर आ रहे हैं. 14 सालों से सत्ता पर काबिज कंजर्वेटिव पार्टी इस बार सत्ता से बाहर जाती दिख रही है. एग्जिट पोल लेबर पार्टी को पूर्ण बहुमत दिखाते दिख रहे है और इन सबके बीच पीएम ऋषि सुनक ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है.
मतगणना के शुरुआती नतीजों में अब तक 650 सीटों में से 100 से अधिक सीटों पर नतीजों का ऐलान किया गया है. लेबर पार्टी प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है. शुरुआती नतीजों में लेबर पार्टी 102 सीटें जीत चुकी हैं जबकि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी अभी तक सिर्फ नौ सीटें ही जीती है. ऐसे में लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय नजर आ रहा है.
ब्रिटेन के नीचले सदन यानि हॉउस ऑफ कॉमन्स में कुल 650 सीटें है. बीबीसी-इप्सोस एग्जिट पोल, किएर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी 410 सीटें यानि बहुमत से ज्यादा मिलते हुए दिखा रहा है. वहीं ऋषि सुनक की लेबर पार्टी को महज 131 सीट जीतने की संभावना जताई है. एजेंसी YouGov ने किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 431 सीटें मिलने और पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए सिर्फ 102 सीटों की भविष्यवाणी की है. वहीं लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी को 72 सीटें और रिफॉर्म यूके पार्टी को 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो किएर स्टार्मर के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा.
14 सालों में देखे 5 प्रधानमंत्री
14 सालों से ब्रिटेन की सत्ता में काबिज कंजर्वेटिव पार्टी को 5 प्रधानमंत्री बदलने पड़े. साल 2010 में हुए आम चुनावों में मिली कंजर्वेटिव्स को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन पीएम बने थे. उसके बाद 2015 के यूके इलेक्शन में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और कैमरन फिर पीएम बने. लेकिन 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह कंजर्वेटिव्स ने टेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनाया. वह 2019 तक इस पद पर रहीं. 2019 में बोरिस जॉनसन यूके के प्रधानमंत्री बने. फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं. लेकिन वह सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं. उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने.
आम चुनाव के साथ स्थानीय चुनाव भी
यूके का मतलब यूनाइटेड किंगडम होता है यानि कि यूके 4 देशों से मिलकर बनता है. इंग्लैंड, वैल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड. इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटों वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड में आती हैं. स्कॉटलैंड में स्कॉटिश संसद (Holyrood), वेल्स में सेनेड (संसद), उत्तरी आयरलैंड में स्थानीय विधानसभा (Stormont)है और इन सबके लिए भी स्थानीय चुनाव होते हैं. वहीं आम चुनाव वेस्टमिंस्टर में स्थित यूनाइटेड किंगडम के सदस्यों को चुनने के लिए होता है, जहां ये सभी चार देश भाग लेते हैं. यूके गवर्नमेंट इन चारों देशों में विदेश नीति, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार है.
भारत पर क्या पड़ेगा असर?
भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. लेबर पार्टी की प्रचंड जीत से दोनों देशों के बीच एफटीए पर चल रही वार्ता के डायनामिक्स में बदलाव आ सकता है.
ब्रिटेन में चुनाव से संबंधित खास बातें
– मतदाता पोस्ट या लेटर के जरिए अपना वोट मतदान केंद्र तक पहुंचा सकता है.
– वोटर किसी ओर के जरिए भी वोट डलवा सकता है.
– ब्रिटेन में 15 घंटों तक वोटिंग प्रकिया जारी रहती है.
– वहां के राजा या शाही परिवार को वोटिंग का अधिकार नहीं है.
– प्रचार के लिए रैली नहीं, बल्कि घर-घर जाकर करते हैं कैपेंन
ये भी पढ़े- बांग्लादेशी घुसपैठियों पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, देश से बाहर निकालने का दिया आदेश
कमेंट