21वीं सदी के तीसरे दशक में हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इन्हीं कदमों में से एक हैं- मेक इन इंडिया कार्यक्रम. जी हां, मेक इन इंडिया के जरिए भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया जा रहा है. इसी कड़ी में एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने कल यानि गुरूवार को प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं.
रक्षा मंत्रालय ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ ही एक एको सिस्टम डिवलप करने के लिए टीडीएफ को फंड जारी किया है.
बता दें प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे DRDO द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत क्रियान्वित किया जाता है. इस पहल के तहत, सरकार एमएसएमई और स्टार्टअप सहित भारतीय उद्योगों, साथ ही शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थानों को रक्षा और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अनुदान सहायता प्रदान करती है, मंत्रालय का लक्ष्य निजी उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को शामिल करना है, ताकि सैन्य प्रौद्योगिकी में डिजाइन और विकास की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके और उन्हें अनुदान सहायता के साथ समर्थन दिया जा सके.
टीडीएफ का उद्देश्य देश में रक्षा प्रौद्योगिकियों के डिजाइन और विकास के लिए भारतीय उद्योगों की क्षमता और योग्यता को बढ़ाना है. इसका उद्देश्य एक ऐसा अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जहां उद्योग और शिक्षाविद सशस्त्र बलों और रक्षा क्षेत्र की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करें.
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