इजराइल की नेतन्याहू सरकार ने वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्जे की तैयारी कर ली है. सरकार ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है. 1993 में ओस्लो संधि के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब सरकार ने बड़े भूभाग पर कब्जे करने को स्वीकृति दी है. अब इजराइल वेस्ट बैंक की जमीन पर यहूदियों को बसाने की योजना बना रहा है.
इस्राइली समूह ‘पीस नाउ’ ने बुधवार को कहा, “अधिकारियों ने हाल ही में जॉर्डन घाटी में 12.7 वर्ग किलोमीटर (करीब पांच वर्ग मील) जमीन पर कब्जे को मंजूरी दी. बता दें पिछले 8 महीने से इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है और इजराइल कई बार हमास का अंत करने पर ही जंग खत्म करने की बात कह चुका है. वहीं वेस्ट बैंक में फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जे को मंजूरी मिलने के बाद तनाव बढ़ने के आसार हैं. जिससे स्थिति और भी ज्यादा भयावह हो सकती है.
कहा जा रहा है कि इजराइल सरकार ने जून में ही कब्जे की योजना को मंजूरी दे दी थी लेकिन युद्ध के चलते सार्वजनिक नहीं किया था. अब सरकार ने ये जानकारी मीडिया से शेयर की है.
वेस्ट बैंक के रामाल्लाह शहर में ही फलस्तीनी प्राधिकरण का मुख्यालय है. इस्राइली सरकार ने इस शहर के पूर्वोत्तर में स्थित भूमि को अपनी जमीन घोषित किया है. इससे इजराइली नागरिक रीज पर जमीन ले सकते हैं. वहीं फलस्तीनियों के इस क्षेत्र में आने पर पाबंदी लगा दी है.
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