ब्रिटेन में हुए संसदीय चुनाव के नतीजे में लेबर पार्टी ने बंपर जीत दर्ज की है. पार्टी ने 650 सीटों में से 412 सीटें जीतकर सत्ता पाई है. वहीं कंजर्वेटिव पार्टी 120 सीटों पर सिमट गई है. इसी के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के 14 साल पुराने शासन का अंत हो गया. कंजर्वेटिव पार्टी की ये पिछले 2 सदी में सबसे शर्मनाक हार है. अब 61 साल के कीर स्टार्मर यूके के 58वें प्रधानमंत्री बन गए हैं. PM नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर किएर स्टार्मर को बधाई दी है.
वहीं ऋषि सुनक ने हार स्वीकार कर पार्टी से माफी मांगी है. और पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने स्टार्मर को भी फोन कर जीत की बधाई भी दी है. उधर कीर स्टार्मर ने बकिंघम पैलेस पहुंच कर किंग चार्ल्स से मुलाकात की. उन्हें किंग ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया था. किंग चार्ल्स से मुलाकात के बाद कीर स्टार्मर ब्रिटिश PM के आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे . जहां उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की.
विजय रैली में भारत के साथ रिश्तों पर क्या बोले स्टार्मर?
चुनाव जीतने के बाद कीर स्टार्मर ने भी अपनी विजय रैली में कहा कि ब्रिटिश भारतीयों के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते को नए सिरे से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ लोकतंत्र और आकांक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध तलाशेगी और मुक्त व्यापार समझौते यानि एफटीए के लिए प्रयास करेगी. साथ ही स्टार्मर ने वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी करने की भी बात कही.
दरअसल भारत और ब्रिटेन, दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. 13 दौर की बातचीत के बाद 14वें दौर की बातचीत शुरू हुई थी. इस समझौते में 26 अध्याय है. जिनमें जिनमें माल, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि लेबर पार्टी की सरकार आने पर भारत-यूके व्यापार वार्ता पर कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा. लेबर पार्टी ने “काम पूरा करने” के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है, लेकिन अभी यह कुछ समय के लिए अटक सकती है.
कश्मीर मसले पर लेबर पार्टी का रूख
जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा की गई कार्रवाई की लेबर पार्टी के प्रतिनिधियों ने आलोचना की थी और आलोचना से जुड़ा एक प्रस्ताव भी पारित किया था. जिसमें कहा गया था कि कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिए. 2019 में चुनाव से पहले व्हाट्सएप संदेशों में पार्टी को भारत विरोधी, हिंदू विरोधी और मोदी विरोधी करार दिया गया था. लेकिन जून 2023 में, कीर स्टार्मर ने माना था कि लेबर पार्टी ने भारत के प्रति दृष्टिकोण में गलती की है.
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