ईरान में लगातार कार्यकर्ताओं को प्रताणित किया जा रहा है. जो लोग भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसकी आवाज को साजिशन मौत से दबा दिया जाता है. इस कड़ी में अब देश में कैद एक प्रमुख श्रमिक कार्यकर्ता शरीफे मोहम्मदी को सशस्त्र विद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफे मौहम्मदी ईरान की एक श्रमिक कार्यकर्ता हैं. पिछले कई वर्षों से श्रमिकों के हित में काम कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने रईसी सरकार के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई. इसके अलावा सशस्त्र बलों के एक्शन के खिलाफ भी आवाज उठाई थी. इसी कारण उनके ऊपर सशस्त्र विद्रोह का आरोप लगाते हुए पिछले वर्ष दिसंबर में गिरफ्तार कर लिया गया था.
मोहम्मदी को बचाने के लिए अभियान ने आवाज उठाते हुए इस फैसले को निराधार बताया. अभियान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, “यह सजा एक दशक पहले एक स्वतंत्र, सार्वजनिक और कानूनी श्रमिक संगठन में सुश्री मोहम्मदी की सदस्यता के बहाने पर आधारित है, जो फैसले की निराधारता को प्रदर्शित करती है.” तो वहीं कहा जा रहा है कि इस फैसले से सरकार कार्यकर्ताओं में डर पैदा करना चाहती है ताकि कोई सरकार के विरोध में आवाज न उठा सके. अभियान ने मोहम्मदी बिना शर्त रिहाई की मांग की है.
आपको बता दें कि बीते वर्ष ईरान में कुल 834 ईरानियों को फांसी दी गई थी. यह वर्ष 2022 से 50 प्रतिशत ज्यादा है.
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