तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा अब नए विवाद में फंसती नजर आ रही है. महुआ के खिलाफ राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने FIR दर्ज कर ली है. बता दें पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 के तहत केस दर्ज किया है. दरअसल महुआ पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गई एक पोस्ट में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है. जिसकी शिकायत महिला आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से की थी और अब पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
BNS की धारा-79 क्या कहती है?
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 के तहत केस दर्ज किया गया है. बता दें धारा 79 के तहत कोई व्यक्ति महिला की गरिमा को अपमानित करने के इरादे से कुछ बोलते है. इशारे करता है या महिला की निजता में दखल देता है. दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ जुर्माने और जेल की सजा का प्रावधान है.
क्या है मामला?
दरअसल 4 जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा, हाथरस हादसे के पीड़ितो से मिलने पहुंची थी और उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था. जिसमें एख व्यक्ति उनके पीछए छाता लेकर चल रहा था. इसपर एक यूजर ने लिखा कि क्या रेखा शर्मा अपना छाता खुद नहीं ले सकती हैं. इसी यूजर्स के कमेंट पर महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘वह (रेखा शर्मा) अपने बॉस का पजामा संभालने में बहुत व्यस्त हैं.’ महुआ मोइत्रा की इसी टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष आयोग ने कार्रवाई की मांग की है. महिला आयोग ने कहा कि ये एक महिला के सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है और आयोग ने मोइत्रा के टिप्पणी की कड़ी निंदा करने के साथ 3 दिन में कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
क्या चली जाएगी महुआ की सांसदी?
अगर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा दोषी पाई जाती हैं और उन्हों सजा होती है तो उनकी सांसदी तक जा सकती है. 1951 में आए जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) के अनुसार अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो तत्काल उसकी सदस्यता चली जाएगी. इसके अलावा, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है.
‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में जा चुकी है महुआ की सदस्यता
पिछले साल ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता जा रद्द की गई थी. दरअसल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनपर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. आरोप लगा था कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे थे. ये भी आरोप था कि उन्होंने हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगइन क्रेडेंशियल दिए थे, ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सकें. लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने भी इस मामले में महुआ को दोषी मानते हुए सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी. इसके बाद 8 दिसंबर 2023 को उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
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