लोकसभा चुनाव 2024 में राजधानी दिल्ली में इंडिया गठबंधन को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. यहां सभी 7 सात सीटों पर गठबंधन का एक भी प्रत्याशी जीतने में सफल नहीं हो पाया. बीजेपी ने तीसरी बार राजधानी में क्लिन स्वीप किया है. वहीं हार से जुड़े कारणों को जानने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी कमेटी का गठन किया था. जिसकी रिपोर्ट आ गई है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों ने अपनी हार के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार, जेपी अग्रवाल, उदित राज और कन्हैया कुमार ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अपने वोट कांग्रेस को ट्रांसफर कराने में पूरी तरह से विफल रही. इतना ही नहीं तीनों प्रत्याशियों ने आप नेताओं पर समर्थन नहीं करने का आरोप लगाया.
‘प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एकजुटता नहीं’
कमेटी ने ये भी बाताया कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी में एकजुटता का अभाव था. तीनों ही उम्मीदवारों ने कांग्रेस कैडर के साथ अच्छा व्यवहार नहीं दिया. इसकी वजह से उम्मीदवारों को कांग्रेस कैडर की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा. ये भी बताया कि तीनों उम्मीदवारों को ये उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी ही उनकी जीत सुनिश्चित कर देगी. बता दें नाराजगी के चलते ही अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं राजकुमार चौहान जैसे बड़े नेताओं ने भी पार्टी से किनारा कर लिया.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. आप ने 4 सीटों पर तो कांग्रेस ने 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. कांग्रेस पार्टी ने उत्तर पश्चिमी सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री उदित राज, चांदनी चौक से पूर्व सांसद और दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके जेपी अग्रवाल और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान उतारा था. बेल पर जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किया था. बावजूद इसके दिल्ली की सभी सीटें इंडिया गठबंधन हार गया था.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं
6 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं होगा. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और आप नेता गोपाल राय मीडिया में ये बात कह चुके हैं. ऐसे में अब दोनों पार्टियों की राहें अलग हो गई है. साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले ये दोनों दल अब विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार करेंगे.
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