सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है. राज्य सरकार ने संदेशखाली मामले पर सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. यानि कि संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच करती रहेगी. अदालत में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 43 एफआईआर राशन घोटाले मे दाखिल कर दी गई है. राजनीतिक वजहों से इसे बढ़ा चढाकर बताया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणियों से जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से बड़ा सवाल पूछा कि राज्य किसी व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने ममता सरकार से कहा कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए लिए क्यों इतनी दिलचस्पी दिखाई जा रही है. बता दें शाहजहां शेख को फरवरी में बंगाल पुलिस के साथ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के एक दिन बाद टीएमसी ने भी शेख को सस्पेंड कर दिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
अप्रैल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ 42 मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसमें राशन घोटाले के आरोप भी शामिल थे. कोर्ट ने कहा था कि मामला जटिल है और निष्पक्ष जांच की जरूरत है. ममता सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को टिप्पणी की थी कि राज्य को किसी व्यक्ति के लिए याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए, जिस पर बंगाल के वकील ने तर्क दिया था कि हाईकोर्ट के फैसले में बंगाल सरकार के बारे में टिप्पणियां शामिल थीं.
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