नई दिल्ली: तीन नए कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारत सरकार द्वारा अधिनियमित तीन आपराधिक कानूनों में राज्य स्तर पर किए जाने वाले संशोधनों का अध्ययन करने और सिफारिश करने के लिए न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है.
यह एक सदस्यीय समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. यह समिति अधिवक्ता संघों और अन्य हितधारकों से परामर्श करेगी. तीन कानूनों के नाम हिन्दी में है लिहाजा इन कानून के नाम बदलाव के सुझाव पर भी विचार किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि तीन आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता एक जुलाई यानी सोमवार से देश में लागू हो गए हैं. तमिलनाडु और कर्नाटक में वकीलों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए इस कानून के नाम पर आपत्ति जताई थी कि कर्नाटक और तमिलनाडु का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 348 में कहा गया है कि संसद में पेश किए जाने वाले कानून अंग्रेजी में होने चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार
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