मानसून की बारिश जहां भीषण गर्मी से राहत लेकर आई है तो दूसरी और इसी बारिश ने कई राज्यों में तबाही भी मचाई है. पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक आसमानी आफत ने बड़े स्तर पर जनजीवन को प्रभावित किया है. असम, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में नदियां अपना रौर्द रूप दिखा रही है. खतरे के निशान को पार कर नदियों का पानी गावों में घुस गया है. बाढ़ के आ जाने से लाखों की संख्या में लोगों को अपना आशियाना गंवाना पड़ा है और उनकी फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई है. अब ये लोग राहत शिविरों में प्रशासन के भरोसे बैठे हैं. वहीं पहाड़ों पर लैंडस्लाइड होने से कई मार्ग बाधित हुए हैं.
दरअसल इस बार मानसून केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से दो और छह दिन पहले 30 मई को पहुंच गया और 2 जुलाई तक ही मानसून ने पूरे देश को कवर कर लिया. आमतौर पर मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में फैलता है लेकिन इसबार मानसून ने 6 दिन पहले ही कवर कर लिया. इसी तरह इस साल सभी स्थिति समय से पहले देखने को मिल रही हैं. आइए बाढ़ ग्रस्त राज्यों की एक-एक कर ग्राउंड की जानकारी बताते हैं.
असम
असम में ब्रह्मपुत्र नदी उफान पर है. राज्य के 27 जिले बाढ़ की चपेट में है. जिससे लगभग 19 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. सोमवार को बाढ़ की वजह से 6 और लोगों की जान चली गई. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, असम और उसके पड़ोस पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसके कारण अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने की संभावना है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है. लगातार लैंड स्लाइड की घटना के चलते प्रदेश के मार्ग बाधित हुए हैं. जोशीमठ बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पहाड़ी टूटकर गिर गई. जिसकी वजह से हजारों चारधाम यात्री मार्ग के दोनों ओर फंस गए. जोशीमठ क्षेत्र में संचार व्यवस्था ठप्प हो गई है. वहीं अल्मोड़ा में रामनगर-रानीखेत मार्ग पर पुल ही टूट गया. जिसकी वजह से स्थानीय लोग नदी पार कर अपने काम पर जाने को मजबूर हैं. उधमसिंह नगर में तो इंडेन गैस सर्वेस के दफ्तर में पानी भर गया.खेत- खलिहान सब कुछ पानी में बर्बाद हो गया. एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में सभी नदी- नाले उफान पर हैं. अकोला शहर में भारी बारिश से जलभराव हो गया. खराप गांव में काम कर रहे 14 मजदूर अचानक आए तेज बहाव में फंस गये. इन मजदूरों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू किया गया. भारी बारिश की वजह से मुंबई और पुणे के सड़क परिवहन के साथ हवाई सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. ऐतिहयात के तौर पर स्कूलों को भी बंद किया गया है.
बिहार
बिहार में तो हालात और भी ज्यादा भयावह है. यहां कोसी नदी ने अपना रौर्द रूप दिखा दिया है. दरअसल भारी बारिश की वजह से नेपाल ने कोसी बैराज के गेट खोल दिए और करीब 4 लाख क्यूसेक पानी के बिहार आने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. सुपौल, सहरसा और मधेपुरा में के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सैंकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. मधुबनी जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके में एक दूल्हा नाव के जरिए बारात लेकर ससुराल पहुंचा.
इन राज्यों में बाढ़ से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. यही हाल यूपी और मध्य प्रदेश का है. वहां भी भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. अब लोग मानसूनी बारिश से इसकदर परेशान है कि वो अब बारिश ना होने की प्रार्थना कर रहे हैं.
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