नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में परिवार नियोजन के लिए सुगम मॉडल पहल का अनावरण किया. सुगम मॉडल को माँ और बच्चे की भलाई के लिए गर्भधारण के स्वस्थ समय और अंतराल के लिए डिज़ाइन किया गया है. विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वर्चुअल रूप से बैठक की. इस बैठक का विषय ‘मां और बच्चे के स्वस्थ स्वास्थ के लिए गर्भधारण का सही अंतराल’ था. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मौजूद थीं. इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वैश्विक आबादी का 1/5 हिस्सा भारत की आबादी है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है, जब देश के परिवार का आकार छोटा हो और सभी स्वस्थ्य हों. उन्होंने कहा कि महिलाओं को परिवार नियोजन का विकल्प चुनने का अधिकार होना चाहिए और उन पर अवांछित गर्भधारण का बोझ नही होना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने केंद्र और राज्यों को सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि गर्भ निरोधकों की जरूरतें, विशेष रूप से उच्च बोझ वाले राज्यों के जिलों और ब्लॉक में पूरी की जानी चाहिए. उन्होंने युवाओं, किशोरों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित सभी के लिए एक उज्ज्वल, स्वस्थ भविष्य सुरक्षित करने के सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर को बढ़ावा देना, परिवार के आकार को छोटा रखना और गर्भनिरोधक विकल्पों को स्वैच्छिक रूप से अपनाने से परिवार खुशहाल बनेंगे, जिससे हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य में योगदान मिलेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम सफल योजनाओं में से एक, “मिशन परिवार विकास” (एमपीवी) की शुरुआत में सात उच्च-फोकस वाले राज्यों में 146 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों (एचपीडी) के लिए लॉन्च किया गया था और बाद में सभी जिलों में इस मिशन को विस्तारित किया गया. उन्होंने योजना के उल्लेखनीय प्रभाव पर जोर दिया और इन राज्यों में गर्भ निरोधकों की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि और मातृ, शिशु और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में सफल कमी को रेखांकित किया. जिलों को इस योजना का प्राथमिक केंद्र बिंदु बनाने से पूरे राज्य में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) को नीचे लाने में मदद मिली.
उन्होंने कहा हमें उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राज्यों के इनपुट और एनएफएचएस डेटा के आधार पर एक रणनीति भी बनानी चाहिए जहां टीएफआर में सुधार नहीं हुआ है. परिवार नियोजन और सेवा वितरण के संदेशों को अंतिम छोर तक पहुंचाने में स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और विभिन्न विभागों के अथक परिश्रम और समर्पण की भी सराहना की.
बता दें विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई के दिन मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को फैमिली प्लानिंग, लैंगिक समानता और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर अवगत कराना है. साल 1989 में यूनाइटेड नेशंस के द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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