ब्रिटेन की संसद में बुधवार को शिवानी राजा ने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. वो तो भारतीय मूल की सांसद थी लेकिन उनके अलावा एक ईसाई सांसद जिनका नाम बॉब ब्लैकमैन है ने भगवद गीता पर हाथ रख कर सांसदी की शपथ ली. दोनों ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं.
हॉरो ईस्ट के सांसद बॉब ब्लैकमैन का ऑफिशियल नाम रॉबर्ट जॉन ब्लैकमैन हैं. वे 2010 से यूके पार्लियामेंट के मेंबर हैं. उन्हें साल 2020 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था. पद्मश्री भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. यह विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है.
बॉब ब्लैकमैन के संसदीय क्षेत्र में भारतीय मूल की बड़ी आबादी रहती है. वह भारतीय समुदाय (विशेषकर हिंदू आबादी) के आयोजनों और मुद्दों के साथ निकटता से जुड़े हैं. ब्लैकमैन ने मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का समर्थन किया था.
ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस साल BBC की राम मंदिर कवरेज को लेकर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी दुनियाभर के हिंदुओं के लिए खुशी का दिन था, लेकिन अफसोस की बात है कि BBC ने अपनी कवरेज में यह बताया कि यह वही जगह है, जहां एक मस्जिद ढहाई गई थी.
इससे पहले ब्लैकमैन ने 17 जनवरी 2023 को गुजरात दंगों पर आई बीबीसी की ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि ये डॉक्यूमेंट्री एक प्रोपेगैंडा है. ये प्रधानमंत्री मोदी की नकारात्मक छवि पेश करती है. मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत की साख बढ़ रही है.
बॉब ब्लैकमैन ने कश्मीरी पंडितों के समर्थन में ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमंस में ‘अर्ली डे मोशन’ पेश किया था. इस प्रस्ताव में कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन को ‘नरसंहार’ की श्रेणी में रखने की मांग की गई थी.
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