शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. लेकिन वो फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. ईडी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा है. अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे.
केजरीवाल फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. क्योंकि फिलहाल वो सीबीआई की कस्टडी में हैं लेकिन उन्हें जमानत ईडी केस में मिली है. ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री 90 दिनों से ज्यादा समय तक जेल में रहे हैं. वह एक चुने हुए नेता हैं. केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के कारण पद छोड़ने का निर्देश नहीं दे सकते, यह उनका खुद का फैसला होगा. कोर्ट ने ये भी कहा है कि सिर्फ पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी की अनुमति नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 19 और 45 के तहत ईडी के अधिकारों का हवाला दिया है. अदालत ने पीएमएलए की धारा 19 के प्रावधानों के पालन को लेकर भी सवाल खड़ा किया है.
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 19 ईडी को ये अधिकार देती है कि अगर सबूतों के आधार पर एजेंसी को लगता है कि कोई व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी है तो वो उसे गिरफ्तार कर सकती है. ऐसी गिरफ्तारी के लिए एजेंसी को बस आरोपी को कारण बताना होता है.
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