भारतीय सेना में अग्निवीर के तौर पर सेवा दे चुके जवान अब विभिन्न केंद्रीय बलों में शामिल होकर देश की सेवा कर सकेंगे. CISF, CRPF, BSF और SSB ने पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण का ऐलान कर दिया है. वहीं इसके संबंध में जल्द ही नियम लागू कर दिए जाएंगे.
बता दें दो साल पहले जून 2022 में केंद्र की मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी सेवानिवृत्त अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का वादा किया था. अब 2 सालों बाद केंद्रीय बलों ने आरक्षण देने का ऐलान किया है.पूर्व अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में 10% आरक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें एज लिमिट और फिजिकल टेस्ट से भी छूट मिलेगी.
बता दें सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह, बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह और एसएसबी के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि जब भी इन केंद्रीय बलों में भर्ती की जाएगी. तब पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. यानि कि 10 फीसदी सीटों अग्निवीरों के रिजर्व होंगी. वहीं पूर्व अग्निवीरों एज लिमिट और फिजिकल टेस्ट में भी छूट मिलेगी. पहले बैच में पूर्व अग्निवीरों को एज लिमिट में 5 साल और दूसरे बैच में 3 साल की छूट होगी.
गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट से पता चलता है कि जनवरी 2023 तक अर्धसैनिक बलों में लाखों पद रिक्त हैं. जनवरी 2023 तक सीआईएसएफ में करीब 28 हजार, बीएसएफ में लगभग 20 हजार, सीआरपीएफ में 30 हजार और एसएसबी में लगभग 10 हजार पद खाली हैं. इनलके अलावा असम राइफल्स और आईटीबीपी में लगभग 4 हजार पदों पर भर्ती होनी बाकी है.
अग्निपथ योजना को समझें
दरअसल केंद्र सरकार ने जून 2022 में सेना में बड़ा करने के उद्देश्य के साथ अग्निपथ योजना लॉन्च की. इस योजना के तहत साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल के युवाओं को अग्गिवीर के तौर पर तीनों सेनाओं को भर्ती किया जाता है और उनकी सेवा की उम्र 4 साल ही रहती है. यानि कि चार साल सेना में सेवा देने के बाद 25% अग्निवीरों को सेना में बरकरार रखा जाता है, जबकि बाकी के 75% को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. चार साल बाद जिन 25% अग्निवीरों को बरकरार रखा जाएगा, वो अगले 15 साल तक और सेना में सेवा दे सकेंगे.
वहीं अग्निवीरों का पहले साल का सालाना पैकेज 4.76 लाख रुपये होगा, जो चौथे साल तक बढ़कर 6.92 लाख हो जाएगा. साथ ही 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. अगर सेवा के दौरान शहीद या दिव्यांग हो गए, तो 44 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. इन अग्निवीरों को पेंशन या ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी.
कई शहरों में हुआ था विरोध
अग्निवीर योजना लॉन्च होने के बाद देशभर के कई शहरों में इसका विरोध होना शुरू हो गया था. कई जगह आगजनी और पुतले जलाए गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ये युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. उनका तर्क था कि 4 साल बाद नौकरी करने के बाद युवा बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं सरकार ने केंद्रीय बलों की भर्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था.
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