नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के एयर फोर्स बेस डार्विन में वायु सेनाओं के बीच हवाई अभ्यास ’पिच ब्लैक’ शुरू हो गया है. रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (आरएएएफ) की मेजबानी में यह अभ्यास 02 अगस्त तक चलेगा. इस बार अभ्यास ’पिच ब्लैक’ 43 वर्ष लम्बे इतिहास में सबसे भव्य होगा, जिसमें 20 देश शामिल हो रहे हैं. अभ्यास में विभिन्न देशों की वायु सेनाओं के 140 से अधिक विमान और 4400 वायु सेना कर्मी भाग ले रहे हैं.
भारतीय वायु सेना की एक टुकड़ी भी अभ्यास में भाग लेने के लिए गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है. यह रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स की मेजबानी में बहुराष्ट्रीय व द्विवार्षिक वायु अभ्यास है. इस अभ्यास का नाम ‘पिच ब्लैक’ बड़े और निर्जन क्षेत्रों में रात्रि के समय उड़ान भरने पर जोर देने के कारण रखा गया था. यह अभ्यास बड़े पैमाने पर सैन्य तैनाती वाली युद्धक गतिविधियों पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और बढ़ावा देना है. इसमें एफ-35, एफ-22, एफ-18, एफ-15, ग्रिपेन और टाइफून लड़ाकू विमान शामिल होंगे. अभ्यास में भारतीय वायु सेना का लड़ाकू सुखोई-30 एमकेआई भी अपने करतब दिखाएगा.
भारतीय वायु सेना के दल में पायलट, इंजीनियर, तकनीशियन, नियंत्रक और अन्य विषय विशेषज्ञों सहित 150 से अधिक उच्च कुशल वायु कर्मी शामिल हैं, जो शक्तिशाली सुखोई-30 एमकेआई बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के साथ-साथ विशालकाय सी-17 ग्लोबमास्टर और हवा से हवा में ईंधन भरने वाले आईएल-78 विमानों का संचालन करेंगे. यह अभ्यास भारतीय वायु सेना को प्रतिभागी देशों के साथ बल एकीकरण और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के पारस्परिक आदान-प्रदान का अवसर उपलब्ध कराएगा.
अभ्यास में भाग लेने वाले देशों को लंबी दूरी पर विमानों की तैनाती करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकीकृत संचालन का सहयोग करने और अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सशक्त विमानन संपर्क संगठन बनाने की क्षमता को विस्तार देने का मौका देगा. भारतीय वायु सेना ने इससे पहले अभ्यास ’पिच ब्लैक’ के 2018 और 2022 संस्करण में भागीदारी की है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़े- अभी जेल में ही रहेंगे अरविंद केजरीवाल, 25 जुलाई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
कमेंट