Monday, May 19, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Nation

उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक की यूसीसी रिपोर्ट, चार भाग में हुई जारी

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की प्रक्रिया उत्तराखंड सरकार ने तेज कर दी है. संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर महीने तक यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Jul 13, 2024, 12:14 pm IST
FacebookTwitterWhatsAppTelegram

देहरादून: हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए. सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकशद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए. कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां उत्तराखंड पर सटीक बैठती हैं. जिस प्रकार गंगा की धारा उत्तराखंड से निकलती है ठीक उसी प्रकार यूसीसी भी उत्तराखंड से निकलकर देशभर में फैलनी वाली है. यूसीसी-यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) रिपोर्ट अब सार्वजनिक कर दी गई है. वेबसाइट पर यूसीसी रिपोर्ट हिंदी और इंग्लिश दोनों में अपलोड की गई है, जिससे जनता आसानी से यूसीसी को समझ सके.

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की प्रक्रिया उत्तराखंड सरकार ने तेज कर दी है. संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर महीने तक यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा.

विशेषज्ञ समिति ने राजभवन स्थित राज्य अतिथि गृह (एनेक्सी) में शुक्रवार को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड की रिपोर्ट का लोकार्पण किया. यूसीसी के संबंध में रूल्स मेकिंग एंड इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चार भागों में बंटी यूसीसी रिपोर्ट और नियमावली अब लॉन्च कर दी गई है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूसीसी रिपोर्ट आम जनता से साझा नहीं हो पाई थी. अब चारों खंडों की रिपोर्ट और नियमावली का लोकार्पण कर दिया गया है. कमेटी ने https://www.ucc.uk.gov.in/ पर रिपोर्ट के चार वॉल्यूम शेयर किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 1946 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी यूसीसी की पुरजोर वकालत की थी.

प्रेसवार्ता में रूल्स मेकिंग एंड इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के सदस्य एडीजी अमित सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ और दून यूनिवर्सिटी की वीसी सुरेखा डंगवाल मौजूद थीं.

वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक के किए गए गहन अनुसंधान

यूसीसी रिपोर्ट जारी करते हुए कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक तमाम तरह के गहन अनुसंधान किए गए. अलग-अलग देशों में लागू पर्सनल लॉ का गहनता से अनुसंधान किया गया.

इन देशों में पहले से लागू है यूसीसी

उन्होंने बताया कि मुस्लिम देश तुर्की, सऊदी अरबिया, अजर बैजान, नेपाल, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूएसए, कनाडा, बांग्लादेश और इंडोनेशिया में पहले ही यूसीसी लागू है. यूसीसी को पहली बार फ्रांस में नेपोलियन बोनापार्ट लेकर आए थे. इन्होंने सन 1804 में फ्रांस में यूसीसी लागू किया था. इसके लगभग 100 वर्ष बाद कुछ अन्य देश भी यूसीसी लेकर आए. फ्रांस, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में यूसीसी से यूरोप के कई देश प्रभावित हुए और अपने-अपने देश में यूसीसी लाए.

उत्तराखंड में जारी होगी यूसीसी पर शोध रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि यूसीसी रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण कानून का भी जिक्र है. हालांकि इसे सरकार ने यूसीसी कानून में शामिल नहीं किया है. इसके अलावा यूसीसी की रिपोर्ट में गोद लेने का भी अधिकार को लेकर भी बात कही गई, लेकिन इसे भी कानून में शामिल नहीं किया गया है. सरकार की तरफ से यूसीसी रिपोर्ट के वॉल्यूम एक और वॉल्यूम तीन को सार्वजनिक किया जाएगा. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर शोध रिपोर्ट जारी होगी. जो रिपोर्ट यूसीसी का आधार थी, उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इसका उद्देश्य लोगों को यूसीसी के बारे में जागरूक करना है. अक्टूबर माह तक यूसीसी राज्य में लागू हो जाएगा.

इस वेबसाइट पर जाकर आप भी देख सकते हैं

समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट को आप https://ucc.uk.gov.in/ पर जाकर देख सकते हैं. बता दें कि ये रिपोर्ट चार खंडों में उपलब्ध है. वेबसाइट पर जाकर आप इसे हिंदी या इंग्लिश दोनों भाषओं में पढ़ सकते हैं.

यूसीसी के किए गए मुख्य प्रावधान

– समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी.

– किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे.

– बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी.

– विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य. पंजीकरण न होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ.

– पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित.

– सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित.

– वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार.

हिन्दुस्थान समाचार

Tags: Uniform Civil CodeUCCUttarakhand UCC Report
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार
Nation

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार, पर्यटन से व्यापार तक सर्वव्यापी बहिष्कार

'शरिया' बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध
Nation

‘शरिया’ बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश
Nation

सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने
Nation

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश
Nation

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार, पर्यटन से व्यापार तक सर्वव्यापी बहिष्कार

'शरिया' बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

‘शरिया’ बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश

सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

आदमपुर एयरबेस ही क्यों पहुंचे पीएम मोदी?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले दौरे के लिए PM मोदी ने क्यों चुना आदमपुर एयरबेस? जानें इसके पीछे की वजह

पंजाब के आदमपुर में गरजे पीएम मोदी

‘पाकिस्तान ने फिर से दुस्साहस दिखाया तो उसका मुंह तोड़ जवाब देंगे…’ आदमपुर एयरबेस से गरजे PM मोदी

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रहेगा स्थगित

भारत-पाक सीजफायर के बाद भी ‘सिंधु जल समझौता’ रहेगा स्थगित? पाकिस्तान पर कूटनीतिक कार्रवाई जारी

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.