ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. परीक्षा में गडबडी को लेकर उठा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है. इसके साथ ही एकेडमी ने उन्हें तुरंत वापस बुलाने का आदेश दिया है.
आवश्यक कार्रवाई के लिए बुलाया वापस
बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर को लेटर भेजा है. जिसमें लिखा गया है कि “आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है. अतः आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है. एकेडमी का पत्र इसके साथ संलग्न है. आपको यथाशीघ्र, किन्तु किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई, 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है.”
UPSC की परीक्षा में गडबड़ी का आरोप
ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर की UPSC में गड़बड़ी के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पूजा पर आरोप है कि उन्होंने दिव्यांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके भारतीय प्रशासनिक सेवा में सिलेक्शन पाया है. इतना ही नहीं पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने 6 बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया. बाद में बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे पहले तो यूपीएससी ने नहीं माना लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया.
नाम और उम्र में गड़बड़ी का आरोप
आरोप है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था. सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं. पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी. वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई. सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है.
बता दें UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है. वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है. सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी हैं. अब खुलासे होने के बाद पूजा के दिव्यांग और OBC सर्टिफिकेट की पुलिस जांच होगी. सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर से भी पूछताछ की जाएगी.
उम्रकैद की हो सकती है सजा
पूजा खेडकर मामले की जांच केंद्र सरकार की एक समिति कर रही है. यह जांच समिति पिछले दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, अगर पूजा पर लगे आरोप सच साबित होते हैं तो उनके खिलाफ कई धाराओं में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. वहीं उनकी नौकरी जाना तो तय ही माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएएस राजेश अग्रजीत बताते हैं कि पूजा खेडकर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, धारा 336 (3) और धारा 340 (2) के तहत मामला दर्ज हो सकता है. ये सभी धाराएं धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज और जालसाजी से जुड़ी हैं. जहां धारा 318 और धारा 336 (3) के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7-7 साल कारावास की सजा हो सकती है, वहीं धारा 340 के तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम 10 साल या आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है. अगर आईएएस पूजा खेडकर भी इन मामलों में दोषी साबित होती हैं, तो उन्हें भी उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
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