महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक बार उथल- पुथल नजर आ रही है. यहां विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ- साथ चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. अब शरद पवार से बगावत कर एनडीए सरकार में डिप्टी सीएम बने अजीत पवार को बड़ा झटका लगा है. अजीत गुट वाली एनसीपी के 4 बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. बता दें एनसीपी (अजित गुट) की पिंपरी-चिंचवाड़ यूनिट के चीफ अजित गवाहाने, एनसीपी पिंपरी-चिंचवाड़ छात्र विंग के प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ये चारों नेता पिंपरी- चिंचवाड़ यूनिट के दिग्गज नेता माने जाते हैं. पॉलिटिकल दिग्गज मानते हैं कि ये सभी नेता शरद पवार गुट का दामन थाम सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि महायुति में एनसीपी के लिए भोसरी धानसभा सीट पाने के उनकी सभी कोशिशें फेल होने के बाद गवाहाने ने इस्तीफा दे दिया. बता दें पिछले दिनों शरद पवार ने दावा भी किया था कि अलग हुए एनसीपी गुट के कुछ विधायकों ने उनकी पार्टी के सीनियर नेता जयंत पाटिल से मुलाकात की थी.
भजुबल भी छोड़ सकते हैं अजीत का साथ
सियासी गलियारों नें चर्चा है कि अब महाराष्ट्र के मंत्री और सीनियर एनसीपी नेता छगन भुजबल अजित पवार का साथ छोड़ सकते हैं और वो शरद पवार से हाथ मिला सकते हैं. बताते चलें कि कुछ दिन पहले शिवसेना (UBT) के एक सीनियर नेता ने भुजबल से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि भुजबल इस बात से नाराज हैं कि बारामती लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भी अजीत पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को राज्यसभा के लिए मनोनित कर दिया. वहीं भुजबल राज्यसभा सीट के साथ केंद्रीय में मंत्री पद भी चाहते थे.
लोकसभा चुनाव में 1 सीट पर अजीत, 8 पर शरद की जीत
लोकसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी ने 48 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली, जबकि शरद पवार गुट को 8 सीटे जीतने में सफल हो पाया.
ये भी पढ़े- मुहर्रम पर बिहार से लेकर कश्मीर तक बवाल, पुडुचेरी में स्कूल बंद
कमेंट