नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मिनिकॉय में नया एयरबेस बनाने और लक्षद्वीप के अगत्ती द्वीप में मौजूदा एयरफील्ड को सैन्य संचालन के लिए एयरबेस के रूप में अपग्रेड करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. निकट भविष्य में लड़ाकू जेट और विमानों की तैनाती की जाएगी. समुद्री सीमा पर बढ़ती चीनी गतिविधियों के बीच लक्षद्वीप में दो सैन्य हवाई क्षेत्र बनाने की इस योजना को काफी अहम माना जा रहा है.
केंद्र सरकार ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक में भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए लक्षद्वीप द्वीप क्षेत्रों में दो सैन्य हवाई क्षेत्र बनाने की एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है, ताकि इस क्षेत्र में बढ़ती चीनी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके. सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने तीनों सेनाओं की ओर से मिनिकॉय द्वीप में एक नया एयरबेस बनाने और भारत के पश्चिमी हिस्से में अरब सागर में अगत्ती द्वीप पर मौजूदा हवाई क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था.
मालदीव से लगभग 50 मील की दूरी पर मिनिकॉय द्वीप पर दोहरे उद्देश्य वाले इन हवाई क्षेत्रों को वाणिज्यिक एयरलाइनों के लिए भी खोला जाएगा. इसके अलावा सभी प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों के साथ-साथ लंबी दूरी के ड्रोन को तैनात किया जाएगा, जो इस क्षेत्र में भारतीय बलों को बढ़त देंगे. मौजूदा समय में चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपना विस्तार कर रही है. भारतीय वायु सेना इस परियोजना में अग्रणी होगी लेकिन इनका उपयोग तीनों रक्षा बल और भारतीय तटरक्षक बल करेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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