मुंबई: जालना जिले के अंतरवाली सराटी में मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने शनिवार सुबह दस बजे से मराठा आरक्षण के लिए पांचवीं बार भूख हड़ताल शुरू कर दी है. मनोज ने कहा कि जब तक राज्य सरकार मराठा समाज को कुन्बी जाति का प्रमाणपत्र देने की घोषणा नहीं करेगी, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.
मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि अब एक बार फिर आमरण अनशन करने का समय आ गया है, क्योंकि सरकार ने मराठा समाज की मांगें पूरी नहीं की है. सरकार मांगों को जानती है. जिन मराठा को कुन्बी समाज के दस्तावेज मिले हैं, उन्हें कुन्बी जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. हैदराबाद से गजट लाए गए हैं. सबूत हैं, लेकिन सरकार बहाना कर रही है. उन्होंने कहा कि अब कोई बहाना नहीं, आपको बहुत अधिक समय दिया गया है. भर्ती, स्कूल प्रवेश में दिक्कतें आ रही हैं. साथ ही, ‘हर बार सरकार अलग-अलग फैसले लेती है. इससे मराठा छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है. तीनों विकल्प रखें अन्यथा खुले में आवेदन करेंगे. छात्रों को नौकरी भर्ती में मराठा लडक़ों को प्रमाण पत्र जमा करने के लिए छह महीने की समय सीमा दें. लड़कियों के लिए शिक्षा मुफ़्त कर दी गई लेकिन दी नहीं जाती. लड़कियों के लिए केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा की सिर्फ घोषणा की गई, लेकिन मिल नहीं रही. सरकार को जितना समय चाहिए था, दिया गया. हमने मांग नहीं बदली है.
पाटिल ने राज्य सरकार पर मराठा के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आप मराठाओं को आरक्षण नहीं देना चाहते, आप धनगरों को आरक्षण नहीं देना चाहते, आप मुसलमानों को आरक्षण नहीं देना चाहते. मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को उलझाए रखने के लिए लाडला भाई, लाडला बहन योजना ला रही है, इसके आगे प्यारा जीजा योजना लाएगी. इससे नेट जाम हो जा रहा है और बच्चों को एडमिशन लेने में दिक्कत आने लगी है. मनोज जारांगे ने कहा कि 1500 रुपये आज की महंगाई में सिर्फ दो तीन का खर्च है, जबकि नौकरी से जीवन खुशहाल हो सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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