संसद के मानसून सत्र की शुरूआत आज से होने जा रही है. 12 अगस्त तक चलने वाले इस बजट सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी. आज यानि 22 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी. बता दें हर साल बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश होता है. इसमें देश के आर्थिक विकास का लेखा-जोखा होता है. इकोनॉमिक सर्वे से बीते वित्त वर्ष के रोजगार, GDP, मुद्रास्फीति और बजट घाटे के बारे में जानकारी मिलती है. इससे यह भी पता चलता है कि देश को किन क्षेत्रों में फायदा और नुकसान हुआ है. वहीं कल यानि 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. सबकी नजरें इसी पर हैं कि वित्त मंत्री के पिटारे से उनके लिए क्या खुशखबरी और राहत मिलने वाली है.
सत्र के हंगामेदार होने के आसार
वहीं इसी सत्र में सदन में 6 विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे. दूसरी ओर विपक्षी दल सरकार को घेरने का पूरा प्रयास करेंगे. कांग्रेस लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की मांग पर अड़ी हुई है. मणिपुर, नीट पेपर लीक, यूपी में कावड़ यात्रा के मार्गों पर नेमप्लेट लगाने के फैसले पर भी विपक्षी नेता बीजेपी सरकार से तीखे सवाल करने वाले हैं. मोदी सरकार का कहना है कि वो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन विपक्ष के तेवर देखकर ऐसा लगता है कि सदन के हंगामेदार होने के आसार हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव देखने को मिल सकता है.
सर्वदलीय बैठक में विशेष राज्य के दर्जे की मांग
मोदी सरकार ने सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई और बैठक में देशवासियों के हित के लिए सार्थक चर्चा की बात कही गई. वहीं इस बैठक में ओडिशा और बिहार के क्षेत्रीय दलों ने विशेष राज्य की मांग की. भले ही टीडीपी ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन जब राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग उठाई तो गठबंधन सरकार में सहयोगी लोजपा और जदयू नेताओं ने भी उसका समर्थन किया. बीजू जनता दल ने भी ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बैठक में रखी.
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