कर्नाटक सरकार के आईटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के वर्किंग आवर को 14 घंटे करने के फैसले पर बवाल मच गया है. राज्य सरकार के इस फैसले पर आईटी कर्मचारी यूनियन ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. यूनियन ने सरकार से इस मामले में ठीक से विचार करने की बात कही है और इस प्रस्ताव को लागू नहीं करने की मांग की है.
दरअसल, फिलहाल अधिक से अधिक 10 घंटे काम करने का कानून है. अब कर्नाटक सरकार इसे 14 घंटे करने का प्रस्ताव ले कर आ हई है. इसपर आईटी कर्मचारी यूनियन का गुस्सा फूंटा है. उन्होंन राज्य सरकार से इस मामले में दोबारा विचार करने की बात कही है. का कहना है कि अगर सरकार 14 घेंटे काम का नियम लागू करती है तो कंपनियों को 3 शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट लगानी होंगी जिससे कई कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा है.
इसके अलावा यूनियन ने हेल्थ को लेकर कहा कि इससे कर्मचारियों को बीमारी का खतरा बढ़ जाएगा. वैसे ही 45 प्रतिशत कर्मचारी मानसिक स्वास्थ संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे हैं तो वही 55 प्रतिशत स्वास्थ संबंधी दिक्कतों से परेशान हैं. यूनियन ने कहा कि 20 लाख कर्मचारियों को इस फैसले का परिणाम भुगतना पड़ेगा.
आपको बता दें कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि IT/ITeS/BPO सेक्टर में एक दिन में 12 घंटे अधिक काम करने की जरूरत है. हालांकि तीन महीने में 125 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इस प्रस्ताव पर विरोध होता देख श्रम मंत्री ने इस मामले में चर्चा की बात कही है.
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