केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में पेश किया. सीतारमण ने बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करने से पहले लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है. इसमें बीते वर्ष हुए विकास कार्यों और आधिक वृद्धि के बारे में बताया गया है, साथ ही वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के अनुमान को भी बताया गया है. तो चलिए आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातों को जानते हैं.
1. सर्विस सेक्टर अभी भी एक प्रमुख रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र बना हुआ है.
2. अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू वृद्धि चालकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया है.
3. इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
4. आर्थिक सर्वेक्षण में जोखिम को संतुलित रखा गया है.
5. सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र का आउटलुक उज्ज्वल रहेगा.
6. सर्वेक्षण के अनुसार पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर और निजी निवेश में निरंतर गति से पूंजी निर्माण वृद्धि को बढ़ावा मिला है.
7. सर्वेक्षण के अनुसार सकल स्थायी पूंजी निर्माण में वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक रूप से 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है.
8. देश का राजकोषीय घाटा (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 1.6 प्रतिशत बढ़ा है.
9. निर्माण क्षेत्र भी हाल में प्रमुखता से बढ़ रहा है, जो बुनियादी ढांचे के लिए सरकार की ओर की गई पहल का नतीजा है.
10. देश में विदेश में बसे भारतीयों द्वारा भेजा गया धन 2024 में 3.7 प्रतिशत बढ़कर 124 अरब डॉलर हुआ. 2025 में इसके 129 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है.
11. वित्त वर्ष 2023 में औसतन 6.7 प्रतिशत के बाद, वित्त वर्ष 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई.
12. सरकार ने दूरसंचार प्रौद्योगिकी के अनुसंधान और विकास के लिए यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) का 5 प्रतिशत आवंटित करने का फैसला किया है.
13. वित्त वर्ष 24 में वैश्विक ऊर्जा मूल्य सूचकांक में भारी गिरावट देखी गई. दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की. सर्वेक्षण में कहा गया है कि परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 2024 में खुदरा ईंधन मुद्रास्फीति कम रही.
14. भारत का वर्कफोर्स लगभग 56.5 करोड़ है, जिसमें 45 प्रतिशत से अधिक कृषि में, 11.4 प्रतिशत विनिर्माण में, 28.9 प्रतिशत सेवाओं में और 13.0 प्रतिशत निर्माण में कार्यरत हैं.
15. मार्केट ने वित्त वर्ष 2024 में 10.9 लाख करोड़ रुपये का पूंजी बनाई है. स्टॉक मार्केट का निफ्टी-50 इंडेक्स वित्त वर्ष 24 के दौरान 26.8 फीसदी से बढ़ा है.
16. इकोनॉमिक सर्वे का कहना है कि रोजगार के अवसर पैदा करने में कॉरपोरेट सेक्टर की भूमिका बढ़ने की जरूरत है.
17. 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में हर साल करीब 78.5 लाख नौकरी पैदा करने की जरूरत है.
18. कृषि क्षेत्र में फोकस ( किसानों की आय बढ़ाने) करने से देश के विकास दर को और बेहतर किया जा सकता है.
19. वर्ष 2030 तक भारत को ग्लोबल ड्रोन हब बनानी की कोशिश की जाएगी.
20. एआई ने सभी कौशल स्तरों पर श्रमिकों पर प्रभाव के संबंध में भारी अनिश्चितता पैदा की है.
21. फाइनेंशियल सेक्टर में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल रहा है. भारत के वित्तीय क्षेत्र का परिदृश्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है.
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण ?
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है, जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा इकोनॉमिक सर्वेक्षण तैयार किया जाता है. इसे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देख-रेख में तैयार किया जाता है.
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