नीट यूजी पेपर लीक मामले पर आज सर्वोच्च न्यायलय में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने परीक्षा में गड़बड़ी से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की. एक प्रश्न के दो उत्तर वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रद्यौगकी संस्थान यानि आईआईटी दिल्ली के निदेशक को तीन विशेषज्ञों की कमेटी बनाने और राय देने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल 12 बजे तक प्रश्न के उत्तर पर राय रजिस्ट्रार को दें. यानि कि सुप्रीम कोर्ट कल फिर इस मामले पर सुनवाई करेगा.
दरअसल, कुछ छात्रों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें कहा गया था कि परमाणु और उसकी विशेषताओं से संबंधित एक प्रश्न के दो सही उत्तर थे. लेकिन एनटीए द्वारा एक विशेष उत्तर देने पर ही कुछ छात्रों को चार अंक मिले हैं. छात्रों का कहना है कि दूसरा उत्तर भी सही था. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि इससे सफल उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट सूची पर खासा प्रभाव पड़ता है.
संसद में भी उठा पेपर लीक का मुद्दा
मानसून सत्र के पहले दिन संसद में भी विपक्षी दलों ने नीट पेपर लीक मुद्दा उठाया. सपा सांसद अखिलेश यादव और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पेपर लीक पर सरकार को निशाने पर लिया. राहुल गांधी ने देश की शिक्षा प्रणाली को धोखाधड़ी बताया तो वहीं अखिलेश यादव ने तंज भरे लहजे में कहा, ‘यह सरकार कुछ और करे या न करे, मुझे लगता पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी.’
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा कि ‘पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने कहा नीट मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट के जो निर्देश होंगे उसका पालन करेंगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि एनटीए के गठन के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं. वहीं उन्होंने राहुल गांधी के परीक्षा प्रणाली को फ्रॉड बताने वाले बयान की निंदा करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की तरफ से इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान कुछ नहीं हो सकता.
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