अन्नदाता किसान फिर एक बार अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली के लिए कूच करने जा रहे हैं. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा ने इसका ऐलान किया है. 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसानों की ओर से देशभर में ट्रैक्टर मार्च की भी घोषणा की गई है. किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि एमएसपी लीगल कानून बनाने के लिए अब फिर से मार्च शुरू किया जाएगा. वहीं किसानों ने केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए क्रिमिनल कानूनों का भी विरोध करना शुरू कर दिया है. 1 अगस्त को वह मोदी सरकार की ‘अर्थी’ जलाएंगे. इसी दिन 3 नए क्रिमिनल लॉ की कॉपी जलाई जाएगी.
31 मार्च को बॉर्डर पहुंचने की अपील
किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने 31 मार्च को ज्यादा से ज्यादा संख्या में शंभू, सिंघू सहित दिल्ली से लगते बॉर्डरों पर पहुंचने का आह्वान किया है. बता दें किसान हरियाणा- पंजाब के शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से डटे हुए हैं. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकैडिंग की हुई है. 31 अगस्त को इस धरने को 200 दिन पूरे हो जाएंगे. इसलिए किसान नेताओं ने बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने की अपील की है. इसके बाद 1 सितंबर को यूपी के संभल में रैली होगी, 15 सिंतबर को हरियाणा के जिंद में और 22 सितंबर को हरियाणा के ही पीपली में बड़ी रैली आयोजित की जाएगी.
हरियाणा की बीजेपी सरकार से नाराजगी
किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया. सरवन सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार उन अफसरों को सम्मान करने जा रही है, जिसने किसानों के ऊपर जुल्म किए. आशीष मिश्रा मोनू ,जो किसानों का कातिल था उसकी जमानत हो गई. वहीं, दूसरे किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि शंभू , खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर गोलियां चलाई गईं. एक किसान शहीद हुआ, कुछ की आखों की रोशनी चली गई. सम्मान के लिए दो एसएसपी और एक आईजी को चुना गया है, ये गलत है. जगजीत सिंह ने कहा, ‘हरियाणा सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया. वो किसान विरोधी है और इसीलिए उसने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों बहादुरी का अवॉर्ड देने के लिए केंद्र से सिफारिश की है.’ उन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की. किसान नेताओं ने कहा कि इसके खिलाफ हम बीजेपी का पुतला जलाएंगे. हर जिले में मार्च निकाला जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में मामला
किसान एमएसपी सहित अपनी 12 मांगों को लेकर काफी महीनों से शंभू बॉर्डर पर जुटे हैं. बैरिकेडिंग की वजह से वो दिल्ली कूच नहीं कर सके. वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एक हफ्ते के भीतर यानि 17 जुलाई तक शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था. लेकिन इससे पहले हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठा दिया. अब मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं.
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