चर्चित नेशनल हेराल्ड मामले में आज दिल्ली उच्च न्यायलय में सुनवाई हुई. होईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बीजेपी नेता सांसद सुब्रमण्यम को अपना संक्षिप्त जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि जवाब दाखिल करने के बाद 15,000 रुपये की लागत के साथ लिखित दलीलें स्वीकार की जाएंगी. वहीं अदालत ने चार सप्ताह के अंदर सभी को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
बता दें अदालत ने मामले को 29 अक्टूबर को बहस के लिए सूचीबद्ध किया है. साथ ही ढ़ाई साल पहले निचली अदालत द्वारा लगाई की अंतरिम रोक सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगी..
स्वामी ने हेराल्ड मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुबूत पेश करने की मांग है. बता दें निचली अदालत ने 22 फरवरी 2021 को सोनिया व राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस महासचिव आस्कर फर्नांडीस(मत्यु) , सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया कंपनी को नोटिस जारी करते हुए स्वामी के मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 244 के तहत सुबूत पेश करने के स्वामी के आवेदन पर मामले में उनकी जांच पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा. स्वामी ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साल 1938 में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था, लेकिन साल 2008 में इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया. नेशनल हेराल्ड का संचालन एसोसिएट जर्नल (AJL) करता था. एजेएल ने ही हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था. एजेएल पर जवाहर लाल नेहरू का मालिकाना हक नहीं था क्योंकि इसे शुरू करने में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल थे. अखबार पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो चुकाया नहीं गया. साल 2010 में एक नई कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड बनाई गई. यंग इंडियन को कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन ट्रांसफर कर दिया और एसोसिएट जर्नल ने भी अपना सारा शेयर नई कंपनी को दे दिया. बदले में यंग इंडियन ने एजेएल को 50 लाख रुपये दिए.
साल 2012 में BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर धन के आपराधिक दुरुपयोग का आरोप लगाया. स्वामी ने आरोप लगाया कि पार्टी के पैसों से एजेएल का लोन खरीदने के लिए साल 2010 में यंग इंडियन (YIL) कंपनी की स्थापना की गई. इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76 फीसदी की हिस्सेदारी है और 12-12 फीसदी शेयर मोतीलाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास थे. स्वामी ने अपनी शिकायत में 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीदने को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि महज 50 लाख खर्च कर 90 करोड़ की वसूली कर ली गई. जिसके बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ की गई और वहीं ईडी ने भी कई जगह छापेमारी की थी.
ये भी पढ़े- मुंबई: CM एकनाथ शिंदे से मिले शरद पवार, एक घंटे तक चली मुलाकात, महाराष्ट्र की सियासत गरमाई
ये भी पढ़े- अपनी मांगों को लेकर फिर दिल्ली कूच करेंगे किसान, 15 अगस्त को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान
कमेंट