केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 7वीं बार बजट पेश किया. बैंगनी और गोल्डन कलर की बॉर्डर वाली ऑफ वाइट सिल्क साड़ी और हाथों में लाल रंग का बहीखाता लेकर वित्त वित्त मंत्री संसद पहुंची. संसद में पहुंचती ही तालियों का गड़गड़ाहट के साथ वित्त मंत्री स्वागत किया गया.
अपने 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में वित्त मंत्री ने कृषि, युवा, आदिवासी, मीडिल क्लास, शिक्षा, महिलाओं और बेटियों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. वहीं कई सैक्टर में अंतरिम बजट की गई घोषणाओं को जारी रखा. लेकिन इस बार के बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए वित्त मंत्री ने कई अहम घोषणाएं की.
बजट की शुरूआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है, और आगे भी इसके जारी रहने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है. इसके बाद वित्त मंत्री ने एक के बाद हर सैक्टर के लिए अपने पिटारा खोलना शुरू किया. आइए 10 प्वाइंट्स में जानतें है. बजट की अहम बातें
मीडिल क्लास को राहत: सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है. इससे अब आम आदमी की इफेक्टिव तौर पर 7.75 लाख रुपए की इनकम टैक्स फ्री हो गई है. हालांकि सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट नहीं बढ़ाई है. टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा. बता दें पहले ये 6 लाख तक था. इसके अलावा फैमिली पेंशन 15 हजार से 25 हजार किया गया है.
रोजगार बढ़ाने के लिए मदद: 1 लाख रुपए से कम सैलेरी पाने वाले लोगों के लिए भी सरकार ने मदद का ऐलान किया है. दरअसल, पहली बार EPFO में रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में दी जाएगी. इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होने जा रहा है. वहीं जो नियोक्ता युवाओं को रोजगार देगा उसे सरकार इंसेंटिव देगी. 1 लाख से कम सैलरी के कर्मचारी रखने पर सरकार नियोक्ताओं के EPFO अंशदान में हर महीने 3 हजार रुपये देगी.
बजट में क्या सस्ता- क्या महंगा: कैंसर दवा, सोना-चांदी, प्लेटिनम, मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर, बिजली के तार, एक्सरे मशीन, सोलर सेट्स, लेदर और सीफूडस, मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटकर 15% हुई. सोना और चांदी के गहनों पर कस्टम्स ड्यूटी घटकर 6% हुई. वहीं हवाई यात्रा, सिगरेट, पेट्रोकेमिकल. पीवीसी महंगी हो गई है.
एजुकेशन लोन: जिन लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा. लोन का 3 परसेंट तक पैसा सरकार देगी. इसके लिए ई वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे.
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए मदद: बजट में दो राज्यों आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष मदद दी गई है. आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ और बिहार को 57.5 हजार करोड़ रुपए की मदद देने का वादा किया गया है. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम की भी घोषणा दी गई है. बिहार में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा. वहीं नालंदा विश्वविद्यालय को पर्यटन केंद्र बनाने का एलान किया गया है.
कृषि क्षेत्र के लिए सौगात : सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए. सरकार ने किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग की तरफ प्रोत्साहित करने की बात कही है. 6 करोड़ किसानों की जानकारी के लिए लैंड रजिस्ट्री कराई जाएगी. 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
मुद्रा योजना की राशि बढ़ाई: युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्झ कराने के लिए मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई हैं. 500 टॉप कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का वादा किया गया है.
महिलाओं और लड़कियों के लिए मदद: महिलाओं और लड़कियों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
सोलर एनर्जी से संबंधित : सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री देने का वादा.
स्पेस इकोनॉमी पर खास फोकस: बजट में स्पेस इकोनॉमी पर खास फोकस किया गया है. अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाने पर लगातार ज़ोर दिया जाएगा. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाया जाएगा.
संविधान में बजट का विवरण
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, जो कि भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के पहले कार्य-दिवस को भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है. इस बार भी 1 फरवरी को बजट पेश किया गया लेकिन इसे अंतरिम बजट नाम दिया गया. क्योंकि 19 अप्रैल से 1 जून तक देश में लोकसभा केा चुनाव हुआ. नई सरकार गठन के बाद अब पूर्णकालिक बजट पेश किया गया है.
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