नीट यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने री-एग्जाम की मांग को खारिज कर कर दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं कराई जाएगी. कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरे देश में पेपर लीक होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले है, ऐसे में परीक्षा रद्द करने की मांग सही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी कराने का निर्देश देना गंभीर परिणामों वाला निर्णय होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज्यादा छात्रों को भुगतना पड़ेगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह सही है कि पेपर लीक हजारीबाग और पटना में हुआ लेकिन यह विवाद का विषय नहीं है.
याचिकाकर्ताओं के वकील ने मांग की थी कि 5 मई को हुई नीट को प्रीलिम्स मान लिया जाए और अब मेन्स परीक्षा कराई जाए. एक अन्य सुझाव यह दिया कि सभी नीट क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को एक बार फिर से टेस्ट होना चाहिए. लेकिन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया.
शीर्ष अदालत ने निर्देश पर आईआईटी विशेषज्ञों ने मंगलवार को अदालत में विवादित प्रश्न को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें ऑप्शन 4 को सही उत्तर माना गया है. वहीं कल से नीट के लिए काउंसलिंग भी शुरू हो जाएगी.
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