Tuesday, July 8, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Nation

Opinion: ऑनलाइन का जमाना, घबराहट और तनाव के शिकार होते हमारे बच्चे

ऑनलाइन अध्ययन के चलते बच्चों में मोबाइल का शौक लग गया है और उसका नकारात्मक असर वीडियो गेम्स के रूप में देखा जा सकता है.  बच्चे को गेम के चक्कर में डिप्रेशन में चले जाते हैं, ओटीटी प्लेटफार्म भी अपना असर दिखाने लगा है. रील्स का तो कहना ही क्या? यह कहा जा सकता है कि बालमन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले सभी कारक मौजूद हैं.

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा by डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
Jul 24, 2024, 08:15 pm IST
FacebookTwitterWhatsAppTelegram

देखा जाए तो कोरोना के बाद से बच्चों में डिप्रेशन और एंजाइटी का रोग तेजी से बढ़ा है. कोरोना की दहशत के हालात, लॉकडाउन, वर्क फ्रॉम होम और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के साइड इफैक्ट सामने आने लगे हैं. ऑनलाइन स्टडी के चलते बच्चे तरह-तरह के ऐप से रूबरू होने लगे. इसससे बालपन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. ऑनलाइन गेम्स की लत और सोशल मीडिया के प्रति बढ़ा आकर्षण नकारात्मक प्रभाव डालने में सफल रहा है. देखा जाए तो खेल-खेल में बच्चे ना चाहते हुए भी तनाव और एंजाइटी के दौर में प्रवेश कर जाते हैं। बदलती जीवनशैली और सामाजिक-आर्थिक सिनेरियो में सर्दी जुकाम की तरह एंजाइटी यानी कि घबराहट और डिप्रेशन आज के बच्चों में आम होता जा रहा है.

जानी-मानी साइक्रेट्र्कि मैगजीन जामा साइक्रेट्री में हालिया प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. मनोवैज्ञानिकों ने 11 से 15 साल के बच्चों के बीच अध्ययन किया और खासतौर से यह समझने की कोशिश की कि जिस तरह से सर्दी जुकाम संक्रामक बीमारी है और एक से दूसरे में फैल जाती है उसी तरह से एंजाइटी या डिप्रेशन भी एक बच्चे से दूसरे बच्चे को प्रभावित कर सकता है क्या? अध्ययन में पाया गया कि घबराहट या एंजाइट प्रभावित बच्चे के लक्षण साथ वाले बच्चे में भी विकसित होते हैं. यह अध्ययन एक-दो नहीं बल्कि सात लाख बच्चों में किया गया है. हालात की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि फिनलैंड विश्वविद्यालय के शोधार्थियों के अध्ययन में यह साफ हुआ है कि छह में से एक व्यक्ति बैचेनी यानी कि एंजाइटी से प्रभावित रहने लगा है. कोरोना के बाद इस तरह के मरीजों की संख्या में 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है.

यदि अध्ययनकर्ताओं की मानें तो कोविड 19 के बाद हालात तेजी से विकट हुए हैं. खासतौर से पैसों वालों व बुजुर्गों की बीमारी से बच्चे भी प्रभावित होने लगे हैं. बैचेनी, घबराहट, हाथों में कंपन, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, तनावग्रस्त, कुंठा आदि लक्षण दिखने लगते हैं. इससे बच्चों में नकारात्मकता भी आ जाती है. अधिक चिंता की बात यह है कि यह बीमारी बच्चों में संक्रामक रोग की तरह फैलती जा रही है. लॉकडाउन के साथ ही पेरेंट्स की अंधी प्रतिस्पर्धा और अधिक से अधिक पाने की लालसा, बच्चों के बीच परस्पर सहयोग, समन्वय, मित्रता, सहभागिता के स्थान पर संवेदनहीनता और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के परिणाम सामने आने लगे हैं.  बच्चों में कुंठा तो आम होती जा रही है. रही सही कसर सोशल मीडिया ने पूरी कर दी है. सोशल मीडिया जो परस्पर संवाद का माध्यम बन सकता है वह तनाव का प्रमुख कारण बनता जा रहा है. लाइक-अनलाइक और कमेंट्स बालमन को नकारात्मक रुप से प्रभावित करता जा रहा है.

ऑनलाइन अध्ययन के चलते बच्चों में मोबाइल का शौक लग गया है और उसका नकारात्मक असर वीडियो गेम्स के रूप में देखा जा सकता है.  बच्चे को गेम के चक्कर में डिप्रेशन में चले जाते हैं, ओटीटी प्लेटफार्म भी अपना असर दिखाने लगा है. रील्स का तो कहना ही क्या? यह कहा जा सकता है कि बालमन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले सभी कारक मौजूद हैं. शिक्षण संस्था हो या परिवार खासतौर से एकल परिवार के हालात हालात और भी गंभीर हैं. हालात यहां तक पहुंचे गए हैं बच्चों में आक्रामकता तेजी से घर रही है. बात-बात पर झगड़ना आमबात हो गई है.

समाज विज्ञानियों के सामने भी यह गंभीर समस्या चुनौती बन गई है. हालात बद से बदतर हों उससे पहले समस्या की गंभीरता को समझना होगा. दादा-दादी और नाना-नानी कहीं पीछे छूट रहे हैं. अभिभावक अवकाश में परिवार के साथ समय बिताने के स्थान पर घूमने जाना पसंद करने लगे हैं जिससे परिवार और परिवार से मिलने वाले संस्कार खोते जा रहे हैं. अत्यधिक तनाव के कारण बच्चों को आत्महत्या जैसे कदम उठाते देखा जा रहा है. दुनिया के देशों में जिस तरह से बच्चों को छोटी उम्र में ही हिंसक होते देखा जा रहा है, वह सबके सामने गंभीर चुनौती है.  इसका समाधान नहीं खोजा गया तो आने वाली पीढ़ी किसी भी हालत में हमें माफ नहीं करेगी.

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं )

हिन्दुस्थान समाचार  

ये भी पढ़ें- हिंद महासागर में भारत की बढ़ती धमक… चाबहार, स्वात्ते के बाद मोंगला पोर्ट की डील पक्की

ये भी पढ़ें- पुणे की विशेष मकोका कोर्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

Tags: Digital WorldOnline EraOnline ClassesAnxietyStress
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

Martyrdom Day of Captain Vikram Batra
Nation

7 जुलाई 1999: कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरगाथा- कारगिल युद्ध में बलिदान

Dalai Lama Birthday
Nation

दलाई लामा जन्मदिन: तिब्बत की पहचान और अस्तित्व के लिए चीन के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक

Shyama Prasad Mukherjee Birthday
Nation

देश की अखंडता का सपना, अनुच्छेद-370 का विरोध… जानिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से जुड़ी बड़ी उपलब्धियां

राष्ट्र ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया की पुण्यतिथि
Nation

Pingali Venkaiah Death Anniversary: 30 देशों के झंडे की स्टडी के बाद तैयार हुआ तिरंगा, जानिए पिंगली वेंकैया का योगदान

Swami Vivekananda
Nation

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर विशेष… हिंदू संस्कृति को पूरे विश्व में दिलाया था सम्मान

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

Martyrdom Day of Captain Vikram Batra

7 जुलाई 1999: कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरगाथा- कारगिल युद्ध में बलिदान

Dalai Lama Birthday

दलाई लामा जन्मदिन: तिब्बत की पहचान और अस्तित्व के लिए चीन के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक

Shyama Prasad Mukherjee Birthday

देश की अखंडता का सपना, अनुच्छेद-370 का विरोध… जानिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से जुड़ी बड़ी उपलब्धियां

राष्ट्र ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया की पुण्यतिथि

Pingali Venkaiah Death Anniversary: 30 देशों के झंडे की स्टडी के बाद तैयार हुआ तिरंगा, जानिए पिंगली वेंकैया का योगदान

Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर विशेष… हिंदू संस्कृति को पूरे विश्व में दिलाया था सम्मान

कजाकिस्तान सरकार ने बुर्के पर लगाया बेैन

कजाकिस्तान ने बुर्के हिजाब पर लगाया बैन, इन देशों में भी है चेहरा ढकने पर रोक, 10 पॉइंट्स में समझें

Old Delhi Railway Stations Name Change Proposal

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन स्टेशन करने की मांग, जानें इससे जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य

Courts Ban Namaz

सार्वजनिक जगहों पर नमाज पर कोर्ट की रोक: 7 अहम फैसले (2018–2025)

ग्रेटर नोएडा

15 प्वाइंट्स में समझे ग्रेटर गाजियाबाद की संकल्पना और जिले का महत्व

Doctors Day

National Doctor’s Day: डॉ. बिधान चंद्र रॉय: एक महान चिकित्सक, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र निर्माता

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.