भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है ओर रक्षा के क्षेत्र में लगातार अपनी शक्ति को बढ़ाता जा रहा है. इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने बुधवार को 5 हजार किमी वर्ग की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव करने की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए सेकंड फेज की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम यानी BMD प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
आपको बता दें कि रक्षा क्षेत्र में पहले ही BMD के पहले फेज की तैनाती हो चुकी है जिसकी क्षमता 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की है. वहीं डिफेंस सिस्टम के दूसरे चरण की पहली टेस्टिंग नवंबर 2022 में की गई थी. इसके दूसरे चरण की टेस्टिंग अब सफलतापूर्वक हो गई है.
डीआरडीओ ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, ” डीआरडीओ ने 24 जुलाई, 2024 को चरण- II बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. लक्ष्य मिसाइल को एलसी-IV धामरा से 4:20 बजे प्रतिद्वंद्वी बैलिस्टिक मिसाइल की नकल करते हुए लॉन्च किया गया था, जिसे भूमि और समुद्र पर तैनात किए गए हथियार प्रणाली रडार द्वारा पता लगाया गया और एडी इंटरसेप्टर प्रणाली को सक्रिय किया गया.
Phase II Ballistic Missile Defence System successfully flight tested today, meeting all the trial objectives validating complete network centric warfare weapon system consisting of LR sensors, low latency communication system & Advance Interceptor missiles pic.twitter.com/NarnAtzose
— DRDO (@DRDO_India) July 24, 2024
डीआरडीओ ने बताया, “चरण- II एडी एंडो-वायुमंडलीय मिसाइल को आईटीआर, चांदीपुरत में लॉन्च पैड-III से 4:24 बजे लॉन्च किया गया था. उड़ान परीक्षण ने लंबी दूरी के सेंसर, कम विलंबता संचार प्रणाली और एमसीसी और एडवांस इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त संपूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध हथियार प्रणाली को मान्य करते हुए सभी परीक्षण उद्देश्यों को सफलता से पूरा किया. परीक्षण ने 5000 किमी श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए राष्ट्र की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन किया है.”
अधिकारियों ने बताया कि एडी इंटरसेप्टर मिसाइल को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड-3 से इस डिफेंस सिस्टम की लॉन्चिंग की गई. मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से की गई थी.
रक्षा मंत्री श्री राजनाथसिंह ने डीआरडीओ को बधाई देते हुए सराहना की और कहा है कि परीक्षण ने फिर से हमारी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया है.
कमेंट