नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल दिवस की रजत जयंती पर आज भारतीय सेना के रणबांकुरों के शौर्य और पराक्रम का स्मरण किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ” कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण पराक्रम के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा सम्मान प्रकट करने का अवसर है. वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत मां की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सेनानी को मैं श्रद्धांजलि देती हूं और उनकी पावन स्मृति में नमन करती हूं. मुझे विश्वास है कि सभी देशवासी उनके त्याग और शौर्य से प्रेरणा प्राप्त करेंगे. जय हिन्द! जय भारत!”
कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण पराक्रम के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा सम्मान प्रकट करने का अवसर है। वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माँ की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सेनानी को मैं श्रद्धांजलि देती हूं और उनकी पावन…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 26, 2024
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाते हुए 26 जुलाई 1999 को विजय प्राप्त की थी. यह युद्ध करीब दो माह लड़ा गया. प्रारम्भ में इसे पाकिस्तान की घुसपैठ माना गया, लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज अभियान के बाद पाकिस्तान की नियोजित रणनीति का खुलासा हुआ. भारतीय सेना को अहसास हुआ कि हमले की योजना बड़े पैमाने पर की गई है.
इसके बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन विजय’ का आगाज करते हुए सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा. इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के अटूट दृढ़ संकल्प और अदम्य भावना को प्रदर्शन हुआ. कारगिल युद्ध पाकिस्तान के गलत इरादों का सुबूत है. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत के शौर्य और सामर्थ्य का अहसास पूरी दुनिया को कराया. वहीं पाकिस्तान के साथ हमदर्दी दिखानेवाली महाशक्तियों को भी दो-टूक लहजे में ऐसा करार जवाब दिया कि बोलती बंद हो गई. इस युद्ध में भारत ने भी अपने कई वीर योद्धाओं को खोया और उनका सर्वोच्च बलिदान देश के लिए एक मिसाल बन गया.
हिन्दुस्थान समाचार
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