सुल्तानपुर: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में शुक्रवार को सुलतानपुर जिले के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए. राहुल ने जज से कहा कि वे निर्दोष हैं और उनको राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है.
रायबरेली के सांसद राहुल गांधी जज शुभम वर्मा की अदालत में करीब 16 मिनट तक रहे और अपना बयान दर्ज कराया. जज वर्मा ने वादी अधिवक्ता से एविडेंस पेश करने को कहते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त को तय की.
कर्नाटक के बेंगलुरु में एक चुनावी सभा में राहुल गांधी ने अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी की थी. इसको लेकर सुलतानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्रा ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था. राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि राहुल गांधी का केस स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर-15 में साक्ष्य बयान के लिए नियत था. राहुल ने अपने किए हुए वादे के मुताबिक संसद की व्यस्तता के बाद भी कोर्ट में पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया. उक्त मामले में कोर्ट ने अभियोजन साक्ष्य के लिए 12 अगस्त की तारीख नियत की है.
शुक्ला ने बताया कि उनके मुवक्किल राहुल गांधी ने अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक दुर्भावना से उनको और उनकी पार्टी की छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए. अब अभियोजन पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे. बाकी जो नतीजा होगा वह सब आगे पता चलेगा.
अधिवक्ता संतोष पांडेय ने मीडियाकर्मियों को बताया कि राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. उन्होंने कोर्ट के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया है. उन्होंने अपने को निर्दोष बताया और कहा कि उनके खिलाफ जो भी मामला दर्ज हुआ है वह सब राजनीतिक दुर्भावना का नतीजा है.
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी 20 फरवरी 2024 को अपनी न्याय यात्रा के दौरान सुलतानपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार के दो बॉन्ड पर जमानत दी थी. विगत 26 जून को कोर्ट ने राहुल को व्यक्तिगत रूप से 26 जुलाई को तलब किया था.
क्या है मामला?
दरअसल, राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त 2018 को मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था. सुल्तानपुर के बीजेपी नेता विजय मिश्रा ने एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान गृहमंत्री शाह को हत्या बताया था. राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘भारतीय जनता पार्टी में हत्या का आरोपी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं होता.’ और उस समय अमित शाह, बीजेपी के अध्यक्ष थे. जिसके बाद उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया.
हिन्दुस्थान समाचार
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