Monday, May 19, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Nation

Opinion: कोचिंग सेंटर क्यों बन रहे मौत के सौदागर?

दिल्ली में सिविल सेवाओं की तैयारी का गढ़ माना जाता है. मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर में सालाना हजारों की संख्या में छात्र तैयारी करने जाते हैं. ज्यादातर कोचिंग सेंटर किराये के मकानों में संचालित हैं जिनमें जरूरत की सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं होतीं.

 डॉ. रमेश ठाकुर by  डॉ. रमेश ठाकुर
Jul 29, 2024, 10:30 pm IST
FacebookTwitterWhatsAppTelegram

दिल्ली के एक आईएएस कोचिंग सेंटर में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत ने शिक्षण संस्थाओं की कार्यशैली पर फिर बड़ा सवाल खड़ा किया है. सवाल ऐसा जिसका जवाब शायद वो कभी न दे पाएं. क्योंकि ऐसे सवाल हर ऐसी घटना के बादवर्षों से पूछे जा रहे हैं. देशभर के छात्र अपना भविष्य बनाने की चाह लेकर कोचिंग सेंटरों में पहुंचते हैं. भारी भरकम फीस भरते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर सिर्फ हादसे और मौत? राजस्थान का कोटा शहर तो हादसों के लिए कुख्यात है ही, उस रास्ते पर अब दिल्ली भी चल पड़ी है. दिल्ली में सिविल सेवाओं की तैयारी का गढ़ माना जाता है. मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर में सालाना हजारों की संख्या में छात्र तैयारी करने जाते हैं. ज्यादातर कोचिंग सेंटर किराये के मकानों में संचालित हैं जिनमें जरूरत की सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं होतीं.

राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर में जिस कोचिंग सेंटर में हादसा हुआ है, वह भी किराये पर था. बेसमेंट में बारिश का पानी हमेशा से भरता रहता था, जिसे सेंटर वालों ने कभी गंभीरता से नहीं लिया. आस-पड़ोस और चश्मदीदों ने बताया कि सेंटर में पानी जमा होने की समस्या पुरानी है. ड्रेनेज की सही व्यवस्था नहीं है और साफ-सफाई भी नियमित रूप से नहीं होती. स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी. जगह-जगह पर बिजली के तार भी गिरे रहते हैं, जिससे किसी को भी करंट लग सकता है. पिछले सप्ताह दिल्ली में अच्छी बारिश हुई जिसका पानी हादसे वाली राव कोंचिंग में इतना भर गया कि तीन होनहार बच्चे डूबकर मर गए. घटना के वक्त छात्र बेसमेंट में केबिन के भीतर पढ़ाई में मग्न थे, लेकिन उन्हें क्या पता था आज की पढ़ाई उनकी अंतिम होने वाली है. पानी के रूप में बेसमेंट में मौत प्रवेश कर चुकी है. छात्रों को नहीं पता था कि अंदर पानी भर आया है, क्योंकि बेसमेंट में रिसप्शन भी था, सेंटरकर्मी भी कई मौजूद थे, लेकिन अंदर पानी भरता देख वह छात्रों की सहायता करने के बजाय भाग खड़े हुए. घटना के वक्त राव कोचिंग का मुख्य संचालनकर्ता भी मौजूद था, वो भी भाग निकला. अगर ये लोग बच्चों को बचाने का प्रयास करते तो शायद उनकी जान बच जाती। लेकिन उन्होंने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा.

दिल्ली में कुकुरमुत्तों की भांति अब कोचिंग सेंटर संचालित हो चुके हैं. यूपीएससी, बैंकिंग, एनडीए, सैनिक, डिफेंस अकादमी आदि परीक्षाओं की तैयारी करने विभिन्न राज्यों से बच्चे दिल्ली पहुंचते हैं. दिल्ली में कोचिंग सेंटरों में छात्रों के हताहत होने की ये पहली घटना नहीं है, पूर्व में भी कई ऐसी घटनाएं हुईं, लेकिन पूर्ववर्ती घटनाओं से न प्रशासन ने कुछ सीखा और न ही कोचिंग संचालनकर्ताओं ने कुछ सबक लिया. सेंटर छात्रों से मोटी फीस वसूलते हैं, यूपीएससी के छात्रों से तो मुंह मांगा? छात्र और उनके परिजन उज्ज्वल सपनों का ख्याल करते हुए सभी मांगे पूरी करते हैं. पर, कोचिंग वालों को पढ़ाई के अलावा सुरक्षा संबंधित जो सुविधाएं बच्चों को मुहैया करवानी चाहिए, वो नहीं करते. कोचिंग वालों को सिर्फ शिक्षा के नाम पर धंधा करना होता है. इनके तार पुलिस और सफेदपोशों तक होते हैं ताकि कोई अनहोनी घटना होने पर सुलझा लिया जाए. दिल्ली की घटना के बाद हादसा करने वाला कोचिंग सेंटर का मालिक भी इसी के जुगत में है. उसके संबंध विभिन्न राजनीतिक दलों से बताए गए हैं, स्थानीय पुलिस में भी उसकी अच्छी सांठगांठ है.

बहरहाल, मन को झकझोर देने वाली घटना ने पूरे देश में कोहराम मचाया हुआ है. घटना से आक्रोशित सैकड़ों छात्र घटनास्थल पर धरने पर हैं। उनका दर्द शायद कोई समझ पाए, क्योंकि उन्होंने अपने तीन साथियों को खोया है। मृतक छात्रों के परिवारों को देखकर रूह कांपने लगती है. परिजन दिल्ली पहुंचकर बिलख रहे हैं. उन्होंने अपने दिल के टुकड़ों को भविष्य बनाने के लिए दिल्ली भेजा था, लेकिन प्रभु की लीला देखो, अपने कलेजे के टुकड़ों के शव लेकर घरों को लौट रहे हैं. हताहतों में एक छात्रा यूपी के अंबेडकरनगर और दूसरी तेलंगाना की तो वहीं तीसरा छात्र केरल के एर्नाकुलम का था. उत्तर प्रदेश की छात्रा श्रेया यादव के पिता दूध बेचते हैं, उनका सपना था बेटी अफसर बने.

दिल्ली सरकार ने घटना के संबंध में बेशक मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हों, लेकिन मृतक छात्रों के साथी चीख-चीख बोल रहे हैं कि घटना कोचिंग वालों की लापरवाही से हुई. घटना की सच्चाई एकदम सामने है. घटना बीते शनिवार को उस वक्त घटी जब कुछ छात्र पढ़ाई में मग्न थे, तभी बेसमेंट में पानी घुसा. बेसमेंट से निकलने का एक ही रास्ता था, जहां से पानी अंदर आया। दूसरा कोई रास्ता नहीं था. पानी घुसता देख कोचिंग कर्मी खुद की जान बचाकर भाग निकले, लेकिन बेसमेंट के केबिन में पढ़ रहे छात्रों को नहीं बचाया. मृतकों के नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन हैं, तीनों यूपीएससी की तैयारी करते थे. पुलिस ने कोचिंग सेंटर के संचालकों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और दिल्ली की मंत्री अतिशी ने घटना पर दुख जताते हुए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. लेकिन ये सब उस जख्म को कभी नहीं भर सकते जो मृतकों के परिवारों को मिल चुके हैं. कोचिंग सेंटरों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी, सिर्फ कमाई का जरिया सेंटरों को नहीं समझना चाहिए. छात्रों की सुरक्षा और सुविधाओं पर ध्यान देना होगा.

घटना होने के बाद कोचिंग मालिकों और शिक्षकों का रवैया भी हैरान करता है. इतने बड़े हादसे के बाद भी एक भी शिक्षक छात्रों के समर्थन में खड़ा नहीं दिखाई दिया, सभी फरार हैं. कोचिंग सेंटरों में हादसे होने की एक बड़ी सच्चाई ये भी है, ज्यादातर सेंटर बेसमेंट में हैं और लाइब्रेरियां भी उन्हीं में है. ऐसा राजनीतिक नेताओं, एमसीडी अधिकारी और जमीन मालिकों के बीच सांठगांठ से संभव होता है. दिल्ली के करीब 90 फीसदी कोचिंग सेंटरों की लाइब्रेरी बेसमेंट में है. इसके अलावा कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र छोटे-छोटे कमरों में रहते हैं जिनमें न खिड़कियां होती हैं और न घटना होने पर निकलने की कोई आपात सुविधाएं. दिल्ली में कोचिंग सेंटरों के पास उपयुक्त इन्फ्रॉस्ट्रक्चर नहीं हैं, उन्होंने सड़कों पर अतिक्रमण किया हुआ है. दीवारें होर्डिंग से पाट रखी हैं. क्या ये सब एमसीडी अधिकारियों को नहीं दिखाई देता? कुल-मिलाकर ऐसे हादसे राजनीतिक पहुंच, एमसीडी और कोचिंग संस्थानों के मालिकों के बीच गठजोड़ का ही नतीजा होते हैं. घटना के बाद कई कोचिंग सेंटरों को सील किया गया है, जांच के नाम पर धरपकड़ तेज हुई है. लेकिन ये तभी तक है जब तक घटना का शोर रहेगा, शोर शांत होते ही कोचिंग वाले फिर से एक्टिव हो जाएंगे. जनता और व्यवस्था नए हादसे का इंतजार करेगी.

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं.)

हिन्दुस्थान समाचार

ये भी पढ़ें- राजिंद्र नगर में हादसे के बाद MCD की कार्रवाई, हटाया गया अतिक्रमण, 13 कोचिंग सेंटर भी सील

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ईडी की याचिका

Tags: delhiMCDRajendra NagarCoaching IncidentCoaching FloodDelhi Sarkar
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार
Nation

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार, पर्यटन से व्यापार तक सर्वव्यापी बहिष्कार

'शरिया' बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध
Nation

‘शरिया’ बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश
Nation

सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने
Nation

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश
Nation

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार, पर्यटन से व्यापार तक सर्वव्यापी बहिष्कार

'शरिया' बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

‘शरिया’ बंदिशों में बंधा अफगानिस्तान, जानिए 2021 से अब तक के बड़े प्रतिबंध

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश

सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

आदमपुर एयरबेस ही क्यों पहुंचे पीएम मोदी?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले दौरे के लिए PM मोदी ने क्यों चुना आदमपुर एयरबेस? जानें इसके पीछे की वजह

पंजाब के आदमपुर में गरजे पीएम मोदी

‘पाकिस्तान ने फिर से दुस्साहस दिखाया तो उसका मुंह तोड़ जवाब देंगे…’ आदमपुर एयरबेस से गरजे PM मोदी

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रहेगा स्थगित

भारत-पाक सीजफायर के बाद भी ‘सिंधु जल समझौता’ रहेगा स्थगित? पाकिस्तान पर कूटनीतिक कार्रवाई जारी

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.