लखनऊ: यूपी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय का नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने का मुद्दा छाया रहा. आज मुख्यमंत्री योगी ने माता प्रसाद पांडे नेता प्रतिपक्ष बनने और शिवपाल यादव के नहीं बनने पर चुटकी ली तो सदन में ठहाके लगे.
चचा को फिर गच्चा मिला- सीएम योगी
दरअसल, उप्र विधान सभा मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सीएम योगी कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को बधाई, लेकिन चाचा को यहां भी गच्चा मिल गया. मुख्यमंत्री की इस बात पर सपा सदस्य संग्राम सिंह ने नेता सदन के चाचा को गच्चा देने की बात पर आपत्ति जताई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा संग्राम सिंह आपको क्या दिक्कत है जब चाचा को दिक्कत नहीं है. आप शिवपाल सिंह यादव को क्यों उकसा रहे हैं. इस पर पूरा सदन ठहाके लगाकर हंस पड़ा.
गच्चा के कारण लोकसभा में हार हुई- शिवपाल
इस बीच शिवपाल यादव अपनी सीट पर खड़े हुए. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमें गच्चा नहीं मिला है. हम समाजवादी लोग हैं. माता प्रसाद पांडेय बहुत सीनियर नेता हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. शिवपाल सिंह ने सदन में बड़ी बात कही कि हम तीन साल तक तो आपके (सत्ता पक्ष के) सम्पर्क में था. तो आपने भी गच्चा दे दिया था. इसी गच्चा के कारण लोकसभा चुनाव में आप की यह हालत हुई है. सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल की यह बात सुनकर पूरा सदन हंस पड़ा. मुख्यमंत्री योगी भी हंसने लगे. इसके आगे शिवपाल ने कहा कि 2027 में सपा उधर (सत्ता में ) होगी. तब आपको भी गच्चा मिलेगा. उन्होंने कहा कि आपके जो डिप्टी चीफ मिनिस्टर हैं, वह फिर आपको गच्चा देंगे.
बेसकी शिक्षा विभाग पर सपा के एक अन्य सवाल पर सीएम योगी ने उठकर खड़े हुए. विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के रसोईयों के मानदेय बढ़ाने के सवाल पर कहा कि 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार थी, तब रसोइयों को 500 रु से कम थी, 372000 रसोइयों के साथ आपने अन्याय किया कि उनके बच्चे नही पढ़ेंगे तो हटा दिया गया.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2022 में हमने उनके मानदेय न्यूनतम 2000 रुपये किया. आपकी सरकार में 500 रु से कम मिलता था,आज आंगनबाड़ी और रसोइयों ने अच्छा कार्य कर रही हैं. कोविड में इन्होंने बेहतरीन कार्य किया, इसीलिए हमने इनके मानदेय को बढ़ाया और साथ ही अतिरिक मानदेय की व्यवस्था कीऔर साथ में टैबलेट भी दिए.
सीएम ने कहा कि हमने पंचायत सहायक को छह हजार रूपये फिक्स दे ही रहे हैं, साथ ही अन्य जाति आय निवास जो भी प्रमाणपत्र को वो देता है, उस पर पांच रूपये अतिरिक्त इंसेंटिव की व्यवस्था भी की है.
हिन्दुस्थान समाचार
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