वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या बुधवार को 158 हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं और फंसे हुए हैं. भूस्खलन के बाद वायनाड के चूरलमाला में राहत और बचाव अभियान जारी है. सेना के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती भी बचाव अभियान में सक्रिय है.
केरल के वायनाड में चूरलमाला भूस्खलन में बचाव कार्यों में RSS के स्वयंसेवक और सेवा भारती के स्वयंसेवक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ये समर्पित समूह खोज और बचाव, प्राथमिक चिकित्सा और रसद सहायता जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं.
स्वयंसेवक राहत शिविर स्थापित कर रहे हैं, भोजन वितरित कर रहे हैं, तथा प्रभावित परिवारों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान कर रहे हैं. उनकी त्वरित और संगठित प्रतिक्रिया स्थानीय अधिकारियों को आपदा का प्रबंधन करने और जरूरतमंदों को समय पर सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण रूप से मदद कर रही है.
मुंडक्कई और चूरामाला क्षेत्रों में दो बड़े भूस्खलन
मंगलवार की सुबह, वायनाड के मेप्पाडी पंचायत के अंतर्गत वेल्लारीमाला गांव के मुंडक्कई और चूरामाला क्षेत्रों में दो बड़े भूस्खलन हुए. भूस्खलन के कारण कई घर नष्ट हो गए, पेड़ उखड़ गए तथा जलाशयों में पानी भर गया, जिससे बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई.
मौसम विभाग ने भारी बारिश का जताया अनुमान
इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि 31 जुलाई और 1 अगस्त को केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग ने 2 अगस्त को भी भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है.
कब शुरू हुई भूस्खलन की घटना
आपको बता दें कि पहला भूस्खलन 30 जुलाई को सुबह 2 बजे हुआ, उसके बाद सुबह 4:10 बजे दूसरा भूस्खलन हुआ, जिससे घरों और आजीविका को भारी नुकसान पहुंचा. मेप्पाडी, मुंदक्कई और चूरलमाला समेत कई इलाके अलग-थलग पड़ गए हैं और सड़कें बह गई हैं. वेल्लारमाला जीवीएच स्कूल पूरी तरह से जमींदोज हो गया.
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