जिहादी गुट ISIL-K को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि जिहादी गुट ISIL-K भारत में अशांति फैलाने की बड़ी साजिश रच रहा है.
दरअसल, आईएसआईएल-के, अल-कायदा जैसे गुटों, उसके सहायक गुटों की नई साजिशों और जिहादी सोच की संस्थाओं आदि पर काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के दल ने अपनी 34वीं रिपोर्ट जारी की है. यूएन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवंत-खुरासान यानी ISIL-K अपने उन सरगनाओं से भारत में नए जिहादियों की भर्ती करा रहा है जो देश में रहकर देश को अंदर से खोखला करने की साजिश में उसके सहयोगी बने हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट आगे कहा गया है कि ISIL-K ने भारत में विध्वंसक हमले कराने के लिए देश में नए जिहादियों की भर्ती के लिए यहां मौजूद आतंकी सरगनाओं को सक्रिय किया है.
रिपोर्ट के अनुसार आईएसआईएल-के की योजना है कि भारत में उसके सरगना ऐसे नए खून के जिहादियों की भर्ती करें जो खुद के दम पर ही आतंकी हमले करने की ताकत रखते हों. इसके लिए बार-बार गुट की ओर न देखें. आईएसआईएल—के को ‘तजुर्बे’ वाले नए जिहादियों की तलाश है. इस रिपोर्ट में भारत के साथ ही अफगानिस्तान का भी उल्लेख है. इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान से उपजा आतंकवाद पूरे इलाके की शांति और सुरक्षा को भंग कर देगा. इस तथ्य को लेकर यूएन के तमाम सदस्य देश चिंतित हैं.
आगे यह रिपोर्ट कहती है कि आईएसआईएल-के भारत को लेकर ‘हताश’ है कि बड़े और ज्यादा मारक हमले नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए नए जिहादी भर्ती करके वह इस देश में जबरदस्त विध्वंस मचाने की उम्मीद पाले है. इसके लिए उसके सरगना सक्रिय हो गए हैं और जिहादियों के लिए एक ‘भर्ती अभियान’ पर काम कर रहे हैं.
इतना ही नहीं, इस गुट हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत को और बढ़ाने के लिए उर्दू में एक किताब प्रकाशित की है. इसी किताब में उसने भारत को लेकर उसने अपनी आगे की ‘योजना’ भी छापी है.
रिपोर्ट में अफगानिस्तान को ‘खतरनाक’ क्षेत्र बताते हुए लिखा गया है कि ISIL-K सिर्फ यहीं एक बड़ा खतरा नहीं बना हुआ है, बल्कि यह अफगानिस्तान से आगे, दुनिया के विभिन्न हिस्सों तक आतंकवाद को पहुंचा रहा है. जबकि, अल-कायदा रणनीतिक संयम रखते हुए पहले तालिबान के साथ अपने रिश्ते की चिंता करता है.
चिंता की बात यह है कि तहरीक-ए-तालिबान (TTP), तालिबान तथा भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के बीच समन्वय पहले से बढ़ गया है. अफगानिस्तान में उनके जिहादियों के लिए साझे प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं. इसे तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान का नाम दिया गया है. यह गुट इलाके में ज्यादा चोट करने वाले हमले कर रहा है. रिपोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन घटनाक्रमों को देखते हुए, लगता है आतंकवाद का खतरा पाकिस्तान से होते हुए भारत, म्यांमार तथा बांग्लादेश तक बढ़ जाएगा.
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