मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार राज्य के सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान करने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लगातार प्रयास जारी हैं. इस कड़ी में राज्य सरकार ने श्योपुर जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 56 मदरसों की मान्यता रद कर दी.
श्योपुर जिले के शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को 56 मदरसों की मान्यता रद्द करने संबंधी आदेश जारी किए. तोमर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जांच में कहीं बच्चे नहीं पाए गए तो कभी अव्यवस्था मिली. जब मदरसा संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया तो वह भी सही तरीके से जवाब नहीं दे पाए. यह सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य से साथ मजाक बनाने जैसा था, इसलिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को भेजी गई थी. जिसके बाद अब मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने इन मदरसों की मान्यता समाप्त करने का निर्देश दिया.
जिला शिक्षा अधिकारी ने पेश की थी रिपोर्ट
दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इन सभी मदरसों से जुड़ीं अनेक खामियां उजागर की थीं और इन्हें बंद करने के लिए सरकार से आग्रह किया था. श्योपुर जिले के शिक्षा अधिकारी ने जांच में पाया कि ये सभी मदरसे शासन द्वारा सभी आर्थिक लाभ तो ले रहे थे, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ करते हुए बच्चों के भविष्य को अंधकार में ढ़केल रहे थे. ऐसे में विभाग ने मदरसों को नियमों के अनुसार संचालित नहीं पाए जाने पर राज्य सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजकर इन सभी मदरसों को बंद करने का निवेदन किया था. जानकारी के अनुसार इन बंद हुए 56 मदरसों में से 2 अवैध मदरसे भी हैं.
मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने कहा,
मैं अभी कुछ समय पूर्व ही श्योपुर कलां के दौरे पर गई थी, वहां तय कार्यक्रमों के दौरान आवासीय विद्यालय एवं मदरसे में भी जाना हुआ. मदरसे में जांच की तो पता चला कि संचालक मनमानी कर रहे हैं. शुक्रवार का अवकाश रखते हैं, जबकि रविवार को मदरसा की क्लास लगाकर शुक्रवार का मध्यान भोजन रविवार को बांट रहे हैं. मदरसों में ऐसे बच्चों की एंट्री है, जो कभी मदरसा पढ़ने तक नहीं आते हैं. इसके साथ ही उन बच्चों के नाम शासन की मान्यता प्राप्त बोर्ड परीक्षा में लिखवा दिए गए हैं, जोकि कभी परीक्षा देने आएंगे ही नहीं. उम्र में हिसाब से 23 से 28 साल वालों को भी कक्षा आठ का विद्यार्थी बता दिया जा रहा है. जानकारी मांगने पर उनकी सही जानकारी नहीं दी जाती है. एक हाल में ही एक से आठ तक की कक्षाएं संचालित होना बता दिया जाता है. बालिकाओं और बालक दोनों के लिए सिर्फ एक ही शौचालय था.
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है कि इन मदरसों में बड़ी संख्या में हिन्दू बच्चों की एंट्री मिली है. उन्हें दीन-ए-तालीम उनके माता-पिता की अनुमति के बिना दी जा रही थी. यहां तक की जो कुछ भी उन्हें पढ़ाया जा रहा है, वह भी बहुत आपत्तिजनक है. हिन्दू बच्चों को ‘‘तालीमुल इस्लाम’’ जैसी किताबें पढ़ाई जा रही हैं जिसमें कई आपत्तिजनक बातें लिखी हैं.
इस किताब में लिखा है
जो लोग अल्लाह को नहीं मानते उन्हें काफिर कहते हैं’ फिर एक जगह लिखा है, जो लोग खुदा तआला के सिवा और चीजों की पूजा करते हैं, ऐसे लोगों को काफिर और मुश्रिक कहते हैं., मुश्रिकों को बख्शा नहीं जाएगा.’ इसी प्रकार की अन्य कई पुस्तकें उन्हें पढ़ाई जा रही थी जो उन्हें गलत शिक्षा दे रही थी.
कई नाम ऐसे जो छात्र थे ही नहीं
जांच में यह भी सामने आया है कि मदरसों में ऐसे बच्चों के नाम दर्ज हैं जिन्हें मदरसे छोड़े कई साल हो गए, कई ऐसे नाम भी हैं जो कहीं नौकरी कर रहे हैं. लेकिन इनके नाम पर न केवल शासन से मिलने वाले अनुदान का लाभ लिया जा रहा था बल्कि राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी उठाया जा रहा था.
मध्य प्रदेश में सरकार ने पाया है कि मान्यता प्राप्त 1505 मदरसों में दीनी तालीम मुहैया कराने की अनुमति 9427 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं. प्रदेश के अकेले श्योपुर जिले में कुल 80 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे थे, जिनमें से 54 को राज्य सरकार से अनुदान मिल रहा था. तो वहीं, 2 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी पाए गए, जिनमें भारी अनियमितताओं के बाद उन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया.
स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को क्षेत्र में संचालित सभी शिक्षण संस्थानों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. सिंह ने निर्देश दिए है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए और उन्हें राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए.
मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड का कड़ा रूख
दूसरी ओर मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र में संचालित मदरसों का भौतिक निरीक्षण कराएं और नियमों की अवहेलना करने वाले मदरसों पर कड़ी कार्रवाई करें.
कमेंट