इजरायल ने आतंकी संगठन हमास के चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है. चौंका देने वाली बात ये ही कि इजरायल ने गाजा, फिलिस्तीन या फिर कतर में नहीं, बल्कि ईरान की राजधानी तेहरान में इस्माइल को मारा है. और इसकी जानकारी खुद हमास ने दी है.
हमास चीफ इस्माइल हानिया मंगलवार (30 जुलाई) को ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ था. इस दौरान हानिया ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयादुल्ला अली खामेनेई से मिला. और इसके अगले दिन यानी 31 जुलाई को इजरायल ने उस घर को ही उड़ा दिया, जिसमें हमास चीफ ठहरा हुआ था.
दावा किया जा रहा है कि हानिया को मारने के के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ का हाथ है. हालांकि, इजरायल की ओर से अब तक इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इसके पहले भी मोसाद पर ईरान ने कई तरह की हाई प्रोफाइल हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के आरोप लगया है.
क्या है मोसाद और कैसे करती है काम?
मोसाद का गठन 13 दिसंबर 1949 में किया गया था, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जासूसी एजेंसी मानी जाती है. इस एजेंसी में सात हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं. इसका सीरिया और ईरान जैसे शत्रु देशों में भी तगड़ा नेटवर्क है.
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का पूरा नाम सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस है. मोसाद ने कुछ ऐसे ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है, जो बेहद खतरनाक माने जाते हैं. चलिए मोसाद के कुछ ऑपरेशन पर नजर डालते हैं.
ऑपरेशन थंडरबोल्ट
27 जून 1976 को इजरायली यात्रियों से भरे फ्रांस के एक यात्री विमान का अरब के कुछ आतंकियों ने अपहरण कर लिया. इसके बाद मोसाद ने अपनी ताकत और बुद्धिमानी के दम पर युगांडा से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित वापस निकाला था. इस ऑपरेशन में वर्तमान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई जोनाथन नेतन्याहू भी शामिल हुए थे. हालांकि उनकी ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी.
रूसी मिग- 21 लड़ाकू विमान को चुराया
मिग-21 60 के दशक में दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला लड़ाकू विमान हुआ करता था. ये विमान इतना तेज था कि अमेरिका भी इससे डरता था. ऐसे में इस विमान की टेक्नोलॉजी को चुराने के लिए अमेरिका ने एक योजना बनाई और उसे अंजाम देने का काम मोसाद को सौंप दिया. पहली कोशिश में मोसाद पकड़ गया और उसके एक एजेंट को दिसंबर 1962 में मिस्र में फांसी दे दी गई. इसके बाद मोसाद ने दूसरी कोशिश की. और ये कोशिश भी कामयाब नहीं हो पाई. फिर साल 1964 में मोसाद की महिला एजेंट ने एक इराकी पायलट को इस विमान के साथ इजरायल लाने के लिए मना लिया और इस तरह रूसी विमान चुराने में मोसाद कामयाब रहा.
ओलंपिक में इजरायली टीम के हत्यारों की हत्या
मोसाद ने साल 1972 में हुए म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों के हत्यारों को मौत के घाट उतार दिया था. कहा जाता है कि मोसाद ने सभी 11 आतंकियों को 11-11 गोलियां मारी थी.
यासिर अराफात के करीबी की हत्या
मोसाद ने फिलीस्तीन के जाने माने नेता यासिर अराफात का दाहिना हाथ कहे जाने वाले खलील अल वजीर को ट्यूनिशिया में उसके परिवार के सामने 70 गोलियां मारकर खत्म कर दिया था. उस वक्त ट्यूनिशिया के आसमान में उड़ रहे इजरायली प्लेन ने सभी कम्युनिकेशन सिस्टम्स को ब्लॉक कर दिया था. और इसके चर्चे पूरी दुनिया में हुए थे.
एजोल्फ एकमैन को किया किडनैप
11 मई 1960 को अर्जेंटीना से नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का अपहरण कर दुनिया में तहलका मचा दिया था. ये मिशन इतना गुप्त था कि इसकी भनक अर्जेंटीना को उस वक्त लगी जब इजरायल ने खुद इसका ऐलान किया.
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