नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में गिरफ्तार बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिभव के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बिभव को युवा महिला पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आई? हम इस घटना से हतप्रभ हैं. सवाल छोटी या बड़ी चोट का नहीं है. क्या मुख्यमंत्री आवास किसी का निजी आवास है? वो किस हैसियत से उन्हें रोक रहा था. हमे नहीं लगता कि वो अपनी इस हरकत पर शर्मिंदा भी है. कोर्ट ने कहा कि हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं लेकिन इस मामले में किस तरह से नैतिकता को ताक पर रखा गया. जब सिंघवी ने कुमार का बचाव करना चाहा तो न्यायमूर्ति कांत ने कहा, “आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे कोई गुंडा घर के अंदर घुस गया हो और आप उसे बचाना चाहते हैं…”
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 जुलाई को बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उसके पहले तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच प्रारंभिक चरण में है और पीड़िता के दिलोदिमाग में अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा है. तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी की सांसद हैं और अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गई थीं. कोर्ट ने कहा था कि इस बात की भी आशंका है कि अगर बिभव कुमार को जमानत दी जाती है तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है.
दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था. इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज की थी. बिभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में पहले एक और याचिका दायर की है, जिसमें अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. इस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मुआवजे की मांग की है. बिभव कुमार ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी करते समय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन नहीं किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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