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Opinion: भयावह होंगे ईरान-इजराइल युद्ध के नतीजे

तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद भीषण युद्ध की तैयारी शुरू हो गई है. इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए लेबनान, इराक और यमन की सरकार, सेना और खुफिया विभाग के लोग ईरान पहुंच गए हैं.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Aug 2, 2024, 01:49 pm IST
Iran Israel Tension

Iran Israel Tension

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विक्रम उपाध्याय

तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद भीषण युद्ध की तैयारी शुरू हो गई है. इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए लेबनान, इराक और यमन की सरकार, सेना और खुफिया विभाग के लोग ईरान पहुंच गए हैं. रॉयटर्स ने खबर दी है कि ईरान के साथ को लेबनान भी इजराइल को नेस्तनाबूत करने पर आमादा है, क्योंकि तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या से एक दिन पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में इजराइल ने ही हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर की हत्या कर दी थी. अब ईरान के साथ हमास, इस्लामिक जिहाद के प्रतिनिधि, यमन में सक्रिय हौथी विद्रोही, लेबनान के हिजबुल्लाह और इराकी लड़ाके भी साथ आ चुके हैं और एक साथ तेहरान में बैठकर रणनीति बना रहे हैं. वे इजराइल के खिलाफ बड़ी जवाबी कार्रवाई करने का मंसूबा बना चुके हैं.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने तो ऐलानिया, ईरान के एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड को सीधे आदेश दे दिया है कि वे इजराइल पर हमला करें. ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाकेरी ने स्टेट टीवी पर आकर कहा है कि ईरान और अन्य प्रतिरोध दल किस तरह से इजराइल को जवाब देंगे, इसकी तैयारी की जा रही है…. जवाब निश्चित रूप से होगा और ऐसा होगा कि इजराइल लंबे समय तक पछतावा करेगा. उल्लेखनीय है कि ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने आए इस्माइल हानिया की हत्या 31 जुलाई को तड़के कर दी गई थी. हत्या का आरोप सीधे इजराइल पर लगाया गया है.

इस्माइल हानिया की हत्या कैसे की गई, इसे लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि तेहरान के गेस्टहाउस में पहले से ही गुप्त रूप से तस्करी करके लाए गए विस्फोटक उपकरण से हत्या की गई. अमेरिकी मीडिया ने दो ईरानी और एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि गेस्ट हाउस में लगभग दो महीने पहले से ही बम छिपा कर रखा गया था. गेस्ट हाउस की सुरक्षा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स करते हैं. उत्तरी तेहरान के एक पॉश इलाके में नेशात नामक एक बड़े परिसर में यह गेस्ट हाउस बनाया गया था. हमास के सबसे बड़े नेता इस्माइल हानिया इसी गेस्ट हाउस में हमेशा रुकते थे.

इजराइल पर किसी इस्लामी नेता की देश के बाहर जाकर हत्या करने का यह कोई पहला आरोप नहीं है, बल्कि अपने विरोधी नेताओं की हत्या का इजराइल का लंबा इतिहास रहा है. 1990 के दशक के मध्य में इजराइली खुफिया सेना ने हमास के मुख्य विस्फोटक विशेषज्ञों में से एक याह्या अय्याश की हत्या कर सनसनी मचा दी थी. 5 जनवरी, 1996 को गाजा शहर में अय्याश को इजराइल ने मार गिराया था. एक फोन कॉल के दौरान उसका सेलफोन फट गया और वह मर गया. इजराइल की आंतरिक सुरक्षा सेवा शिन बेट ने तब दूर से ही विस्फोट करा दिया था. इसी तरह हमास की सैन्य शाखा अल-खस्साम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक सलाह शेहादेह को 22 जुलाई, 2002 को गाजा शहर में उसके घर पर ही हवाई हमले कर उसकी हत्या कर दी गई थी. इजराइल ने फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) के शेख अहमद यासीन की भी हत्या कर दी थी. यासीन की हत्या के एक महीने से भी कम समय बाद, इजराइल की हत्या मशीन ने उनके उत्तराधिकारी अब्देल अजीज अल-रंतिसी को भी निशाना बना लिया. 56 वर्षीय रंतिसी को 17 अप्रैल, 2004 को इजराइली सेना ने एक लक्षित मिसाइल से मार डाला था. हमास का एक और शीर्ष कमांडर अहमद जबारी भी इजराइली हत्या मशीन का शिकार बना. अल-कस्साम ब्रिगेड के ऑपरेशनल कमांडर जबारी की नवंबर 2012 में गाजा शहर में एक कार पर हमले में मौत हुई थी. वरिष्ठ हमास अधिकारी सालेह अल-अरोरी की भी जनवरी 2024 में लेबनान की राजधानी बेरूत के दहियाह में ड्रोन हमले में इजराइल ने खत्म कर दिया.

7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध का यह नया अध्याय कहां जाकर रुकेगा यह कहना अब मुश्किल है. इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि हमास के सभी नेताओं की मौत तक युद्ध नहीं रुकेगा. उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि हमास के लोग चाहे कहीं भी हों, उन्हें ढूंढ कर मार दिया जाएगा. शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार भी यह कहते सुने गए कि हमास के नेताओं को गाजा में, पश्चिमी तट में, लेबनान में, तुर्किये में, कतर में, हर जगह मार दिया जाएगा.

हमास नेता इस्माइल हानियाय की अंतिम यात्रा में जिस तरह हजारों लोग तेहरान की सड़कों पर उमड़ पड़े, उससे ईरान पर उनकी हत्या का बदला लेने का दवाब और बढ़ गया है. ईरान के नए राष्ट्रपति कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. पूरे ईरान में हानिया के पोस्टर बांटे गए और फिलिस्तीन, लेबनान के हिजबुल्लाह व हमास के झंडे हवा में लहराए गए. दिवंगत ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के भी बैनर लहराए गए, जिन्हें 2020 में अमेरिका ने एक ड्रोन हमले के जरिए मार गिराया था. मेहमान के खून का बदला मेजबान ईरान लेगा, इस तरह की हेडिंग अखबारों में खूब छप रही हैं. तेहरान के दक्षिण में शिया शहर कोम की मशहूर जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया, ताकि खून के वादे को दिखाया जा सके. तेहरान की मिलाद टॉवर पर भी रात भर लाल रंग की लाइटें जगमगाती रहीं.

जैसे-जैसे इस क्षेत्र में व्यापक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है, वैसे-वैसे इस संघर्ष के विस्तार को लेकर लोग चिंतित भी नजर आ रहे हैं. युद्ध कितना भीषण और लंबा होगा यह काफी हद तक ईरान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा. अगर ईरान के किसी हमले में इजराइली मारे जाते हैं, तो यह खतरनाक रूप ले सकता है, क्योंकि इजराइली किसी को भी बख्शने के लिए तैयार नहीं हैं. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में घुसपैठ कर जिस फिलिस्तीनी गुट दौरान 1,139 लोग मार डाले, इजराइली उस समूह को पूरी तरह कुचल देने का ऐलान कर चुके हैं. उसी के तहत हानिया और अन्य हमास नेताओं को मारने का क्रम जारी है. यदि ईरान भी इसी तरह का कोई ऑपरेशन करता है तो इजराइल को रोकना एक मुश्किल काम होगा.

अमेरिका यह कह रहा है कि उसे हानिया पर हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना थी, लेकिन यदि कोई उसे लेकर इजराइल पर हमला करता है तो वह उसके बचाव में सीधे आ सकता है. हालांकि कुछ मध्यस्थों के माध्यम से अमेरिका, ईरान को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि वह इजराइल पर हमला न करे. लेकिन ईरान ने जोरदार तरीके से इसे खारिज कर दिया है.

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं.)

Tags: IsraelIranIran Israel WarIran Israel Tensions
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