Swati Maliwal Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में बिभव कुमार को एक बार फिर से बड़ा झटका दिया है. उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस नीना बंसल की तरफ से यह आदेश दिया गया. बता दें कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालिवाल से बदसलूकी करने को लेकर बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के साथ हुए मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया था. जिसमें जमानत से इनकार करने वाले आदेश को चुनौती दी गई थी. सर्वोच्च न्यायलय की तरफ से सुनवाई के दौरान बताया गया था कि अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बावजूद उनके साथ गलत व्यवहार किया गया.
सुनवाई के दौरान बिभव के वकील एन हरिहरन ने बताया कि इस केस में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा था कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है. बिभव के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी का आधार और वजह आरोपित को नहीं बताई गयी. गिरफ्तार के आधार को लिखित में दर्ज करना है. अपराध प्रक्रिया की धारा 41ए के प्रावधानों को तोड़ना बताया है. बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की थी. बिभव कुमार ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी करते समय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए को फॉलो नहीं किया गया.
उल्लेखनीय है कि स्वाति मालीवाल की तरफ से बताया गया था कि 13 मई को जब वे दिल्ली सीएम के आवास पर गई थीं, तब बिभव कुमार ने उनके साथ हाथापाई की और पिटाई भी की. जिस पर 15 मई को उन्होंने पुलिस के पास जाकर केस दर्ज करवाया था. पुलिस ने जांच करते हुए 18 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. तब से ही वो जेल में बंद हैं.
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