वायनाड में भरी भूस्खलन के बाद 5वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज भी 1300 से अधिक बचावकर्मी, भारी मशीनरी और अत्याधुनिक उपकरण लगाकर भूस्खलन में फंसे लोगों की तलाश में लगे हैं. पुलिस अधिकारियों के साथ, वन रक्षक, अग्निशमन बल, तट रक्षक और स्वयंसेवक भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं.
केरल के एडीजीपी, लॉ एंड ऑर्डर, एमआर अजित कुमार ने स्थिति पर जानकारी देते गुए बताया कि “यह बचाव और राहत अभियान का 5वां दिन है… हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने शव निकाले जा सकते हैं. पूरे इलाके को 6 जोन में बांटा गया है… हम नदी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं…पुलिस अधिकारियों के साथ, वन रक्षक, अग्निशमन बल और तट रक्षक और स्थानीय लोग भी काम पर हैं…जिला प्रशासन के अनुसार, उन्हें लगभग 400 लोगों के फोन आ रहे हैं. एडीजीपी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यहां दूसरे राज्यों से काम के लिए आए लोग भी फंसे हुए है.
#WATCH | Wayanad landslide | ADGP, Law & Order Kerala, MR Ajith Kumar says, " This is the 5th day of rescue and relief operations…we are trying to see how many bodies can be recovered. The entire area has been divided into 6 zones…we have been concentrating on the river… pic.twitter.com/bHddF5N5Sf
— ANI (@ANI) August 3, 2024
मिली जानकारी के अनुसार भूस्खलन में अब तक 350 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. तो वहीं 300 से अधिक लोगों के फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वायनाड कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों के विभिन्न अस्पतालों में घायल 84 लोगों का इलाज जारी है.
भूस्खलन में एक परिवार के 6 सदस्य बाढ़ में बह गए. जबकि परिवार की 40 दिन की बच्ची अनारा और उसका छह साल के भाई मोहम्मद हयान को सकुशल बचा लिया गया.
बचाव के दौरान बचावकर्मियों के सामने कई चुनौतियां हैं. बड़े बड़े पत्थर हर तरफ बिखरे हैं. ऐसे में रडार वाले ड्रोन की तैनाती की गई है. इस ड्रोन की विशेषता ये है कि ये धरती से 120 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए एक बार में ही 40 हेक्टेयर भूमि को ही सर्च कर लेता है.
जिला प्रशासन ने बीते दिन जीपीएस का उपयोग करके बचाव कार्य के लिए संभावित स्थानों का मानचित्रण किया, हवाई तस्वीरें लीं और सेल फोन लोकेशन डेटा लिया. उन्होंने मलबे के नीचे दबे शवों की तलाश के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और कैडेवर डॉग स्क्वॉड का भी इस्तेमाल किया है.
ये भी
कमेंट