नई दिल्ली: राज्यसभा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर चर्चा करते हुए सोमवार को एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को घेरा. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों की प्रत्यक्ष सहायता तो की लेकिन किसान सम्मान निधि जैसी योजना कांग्रेस ने कभी नहीं बनाई बल्कि किसानों पर गोलियां चलवाईं, इसमें कई किसान मारे गए. केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के सदस्य रणदीप सुरजेवाला के सवालों का जवाब दे रहे थे.
#WATCH राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “….जब कांग्रेस की सरकार अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी तब गोली चला करती थी और कई किसान मारे गए। 1986 में जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में इंदिरा गांधी की पुण्य… pic.twitter.com/a7nhXhHbIK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 5, 2024
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने आगे कहा कि किसानों के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना बनाई. उन्होंने कहा कि यह राशि भले ही छह हजार रुपये हो, लेकिन जो लघु किसान, छोटे किसान व सीमांत किसान हैं, उनके लिए छह हजार रुपये मायने रखते हैं. उन्होंने कहा कि कई बार किसानों को आदान के लिए को छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए छोटी राशि की जरूरत पड़ती थी,
जब पैसा नहीं होता था तब उसे ऊंची ब्याज की दरों पर लेने पड़ते थे. इस सम्मान योजना के कारण किसान स्वावलंबी व सशक्त हुआ है. किसान का सम्मान भी हुआ है. ये (कांग्रेस) किसान का सम्मान भी नहीं देख सकते.
राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक स्वतंत्र अध्ययन के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत वितरित धनराशि ने ग्रामीण आर्थिक विकास उत्प्रेरक का काम किया है. किसानों के लिए ऋण संबधित बाधाओं से मुक्त किया है. कृषि क्षेत्र में निवेश काे बढ़ाया है. जाेखिम लेने की क्षमता को भी बढ़ाया है, जिससे वे कृषि क्षेत्र में संभावित क्षेत्र से अधिक उत्पादक निवेश करने में सक्षम हुए हैं.
इस बीच कांग्रेस के सदस्यों द्वारा बार बार व्यवधान डाले जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रुखे स्वर में कहा कि अलग अलग राज्यों में कांग्रेस की सरकार में इनके हाथ किसानों के खून से सने. उन्होंने कहा कि 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब 23 किसानों की मौत गोलाबारी से हुई थी. 1988 में दिल्ली में श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर किसानों पर गोली चलाई गई, इसमें दो किसान मारे गए. 1988 में मेरठ में किसानों पर फायरिंग की 5 किसान मारे गए. 23 अगस्त 1995 हरियाणा में गोली चलाई छह किसान मारे गए. 12 जनवरी 1998 में मुलताई में किसानों पर गोली चली, इन दिनों कांग्रेस की सरकार थी. इसमें 24 किसान मारे गए. आंध्रप्रदेश में 2010 में दो किसान मारे गए. 8 मई उत्तरप्रदेश के नोएडा में चार किसानों की गोली से मौत हुई.
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री के भाषणों कों भी पढ़ा. उन्होंने आगे कहा कि दुख व तथ्य के साथ बता रहा हूं कि कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है. उन्हों स्व.पंडित जवाहरलाल नेहरू के भाषणों का उल्लेख करते हुए कहा कि1947 व 1948 के बाद उनके भाषण में किसान शब्द नहीं आया उन्होंने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी के भाषणों
में कभी भी पालिसी की बात नहीं की. राजीव गांधी की भी प्राथमिकता किसान नहीं रहे. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से प्राचीर से अभी तक किसान शब्द का सैकड़ों पर उपयोग किया. इसकी वजह है कि उनके दिल में किसान था, आज भी हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नाटक से किसान की नीति नहीं बदलेंगी. उन्हेंने का कहा कि एक कांग्रेस के नेता पैदलयात्रा पर निकले थे. उनके 2023 के एक दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उस वीडियो को देखा किसानों से ज्यादा कैमरामैन थे. दों किसानो को पकड़कर खेत में ले जा रहे थे. वहां रील बनाई जा रही थी. उन्होंने वीडियो को सदन के पटल पर रख दिया.
हिन्दुस्थान समाचार
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