विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बंग्लादेश में उपजे हालातों पर राज्यसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने वहां का सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर जिंता जताई. तो वहीं राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बंग्लादेश में उपजे हालातों पर राज्यसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है. जनवरी से वहां टेंशन है. बंग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हु़ई. हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे. कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंग्लादेश में हालात नहीं सुधरे.. और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. 4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े. सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, जो चिंता का विषय है.’
विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा और गहरा विभाजन और ध्रुवीकरण हुआ है. हम स्थिति सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं. हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रख रहे हैं और वे अलर्ट पर हैं. बांग्लादेश में करीब 18 हजार के आसपास भारतीय थे, जिनमें से बड़ी संख्या में छात्र वापस आ गए हैं. वहां 12 से 13 हजार लोग अभी हैं. हिंदू अल्पसंख्यकों के कारोबारी प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले हुए हैं और यह सबसे चिंताजनक बात है. हम ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं और अपने राजदूतों व हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान जिसमें उन्होंने कहा कि एक शॉर्ट और लॉन्ग टर्म रणनीति होनी चाहिए, बांग्लादेश में चुनाव होने तक अंतरिम सरकार का शासन होना तय है. छात्र प्रदर्शनकारियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने की मांग की है. का जवाब देते हुए. इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेश की आर्मी के संपर्क में है. वहां के हालात निरंतर परिवर्तित हो रहे हैं. जैसे-जैसे आगे की घटनाएं होंगी, सरकार उसके बारे में जानकारी देगी. बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना पर जयशंकर ने कहा, ‘यह कुछ जगहों पर देखा गया है, लेकिन जो भी सरकार आएगी वह भारत के साथ मिलकर काम करेगी.’
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