कोलकाता: हिंसक आंदोलन में जल रहे बांग्लादेश से अपनी जान बचाकर मंगलवार को भारत की सीमा में दाखिल हुए आवामी लीग के कार्यकर्ता मोहम्मद रुबेल इस्लाम ने दावा किया कि जमात के लोग बांग्लादेश को दूसरा पाकिस्तान बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कई लोग जलते बांग्लादेश को छोड़ना चाहते हैं. हालाँकि, बिना पासपोर्ट वीजा के देश छोड़ना आसान नहीं है. पेशे से बिजनेसमैन रुबेल फुलबारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को भोर की रोशनी निकलने से पहले वह अपने घर से निकल गए. वह सुबह-सुबह फुलबाड़ी सीमा से भारत में दाखिल हुए.
बिजनेस के चलते रुबेल को देश-विदेश की यात्राएं करनी पड़ती हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास भारत आने का वीजा भी है. रुबेल ने दावा किया कि जमात छात्र आंदोलन को सामने रखकर देश पर कब्ज़ा कर रही है. लोग शांति चाहते हैं. लेकिन देश में बिना वजह अशांति फैलाई जा रही है.
रुबेल ने कहा, “यह हड्डियों को कंपा देने वाला है. स्थिति बहुत ख़राब है. फिलहाल मैं अपनी सुरक्षा के लिए भारत आया हूं. अवामी लीग के नेताओं के घर लूटे जा रहे हैं. उनकी हत्याएं की जा रही हैं. बीएनपी और जमात खेमे के लोग उनपर अत्याचार कर रहे हैं. आंदोलन की शुरुआत छात्रों ने की थी लेकिन अब जमात खेमे ने छात्रों के कंधे पर बंदूक रख दी है और उसे चला रहा है. छात्रों को भी धीरे-धीरे इसका अहसास हो रहा है.”
शेख हसीना के सोमवार को बांग्लादेश छोड़ने के बाद से ही देश में उथल-पुथल मची हुई है. प्रधानमंत्री के सरकारी आवास से लेकर संसद तक तोड़फोड़ चल रही है. यहां तक कि बंगबंधु मुजीबुर रहमान की मूर्ति पर हथौड़ा चलाया जा रहा है. बांग्लादेश के ‘राष्ट्रपिता’ की तस्वीर भी जला दी गई है.
अवामी लीग समर्थक मोहम्मद रूबेल इस्लाम ने सवाल किया कि क्या कोई शिक्षित छात्र समाज कभी ऐसा कर सकता है? उनके शब्दों में, ”बुरी ताकतों ने बंगबंधु की मूर्ति को तोड़ी है. कोई पढ़ा-लिखा विद्यार्थी कभी जाकर किसी के घर में आग लगा देता है, या लूटपाट करता है? जमात देश को दूसरा पाकिस्तान, अफगानिस्तान बनाना चाहती है.”
हिन्दुस्थान समाचार
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