सनातन धर्म पर विवादित बयान मामले में उदयनिधि स्टालिन को बड़ा झटका लगा है. बेंगलुरू की कोर्ट ने तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टानिल को उनके सनातन विरोधी बयान जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी उसपर 21 अगस्त तक आपत्ति दर्ज करने का आदेश दिया है.
बता दें कि इससे पहले इस मामले की सुनवाई 25 जुलाई को हुई थी. उस दौरान उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी. 8 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने 21 अगस्त तक आपत्ति दर्ज करने का आदेश दिया है.
दरअसल, पिछले साल सितंबर के महीने में चेन्नई में सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में बतौर अतिथि स्टालिन ने समानत धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी. उन्होंने कहा था कि कुछ चीजें ऐसी होती है जिन्हें सिर्फ खत्म किया जा सकता है. सनातन धर्म को रोका नहीं जा सकता बल्कि इसे खत्म करना होगा.
स्टालिन के इस बयान के बाद से देश में इसका विरोध जताते हुए केस दर्ज किए गए थें. स्टालिन के विवादित बयान के बाद 14 सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के जजों समेत 262 लोगों ने एक पत्र लिखकर हाई कोर्ट से उजयनिधि स्टालिन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था. इसके कुछ हफ्ते बाद स्टालिन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.
इसके अलावा मद्रास हाई कोर्ट में उदयनिधि स्टालिन को मंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी. बेंगलुरू की एक ट्रायल कोर्ट ने स्टालिन के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. जम्मू की कोर्ट ने भी एक वादी द्वारा आपराधिक शिकायत दर्ज कराने के बाद जांच के आदेश दिए थे. इसी साल मई 2024 में कई शिकायतकर्ताओं और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था. जिसमें उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों को एक साथ जोड़ने और एक एफआईआर के तौर पर मुकदमा चलाने की मांग की थी.
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