नई दिल्ली: इस बार लाल किले के स्वतंत्रता दिवस समारोह की सुरक्षा व्यवस्था आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भरोसे रहेगी. इसके लिए भारत में पहली बार एआई-आधारित निगरानी और स्वचालित भीड़ प्रणाली को तैनात किया जाएगा. हाल ही में अमेरिका में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे.
लाल किले के स्वतंत्रता दिवस समारोह की सुरक्षा कमान रक्षा मंत्रालय और सेना के अधीन रहेगी. वायु सेना के लड़ाकू विमानों को आसमान से पहरेदारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सुरक्षा तैयारियों के मद्देनजर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम ने हाल ही में लाल किले का दौरा करने के बाद समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले को देखते हुए लाल किले पर होने वाले उच्च सुरक्षा वाले समारोह में कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था किये जाने पर जोर दिया गया.
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले और उसके आसपास उन्नत निगरानी सुविधाओं और स्वचालित भीड़ आकलन सुविधाओं के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित सुरक्षा प्रणाली तैनात करेंगी. वीडियो एनालिटिक्स सुविधाओं वाले सीसीटीवी को आयोजन स्थल पर महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया जाएगा. खुफिया वीडियो निगरानी प्रणाली में वाहन नंबर प्लेट पहचान प्रणाली, चेहरा पहचान, लोगों की आवाजाही की गिनती, ट्रिपवायर, ऑडियो डिटेक्शन, घुसपैठ और छोड़ी गई या गुम हुई वस्तुओं जैसी सुविधाएं होंगी.
समारोह के दौरान लाल किला परिसर के अंदर लोगों के प्रवेश और निकास की गिनती करने के लिए एआई से लैस कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा. भीड़ का अनुमान एआई के माध्यम से लगाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि कैमरों में सार्वजनिक स्थानों पर छोड़े गए सामान का पता लगाने की क्षमता होगी. घुसपैठ का पता लगाने वाली सुविधाएं उच्च जोखिम की सुरक्षा करेंगी. प्रत्येक क्षेत्र की संवेदनशीलता के अनुसार अलग-अलग क्षेत्र में अलार्म सेट किए जा सकते हैं. यह उन्नत सुविधा लाइव कैमरों के साथ-साथ रिकॉर्ड किए गए वीडियो पर भी चेहरों की पहचान करेगी.
नए बदलावों के बारे में और जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं लेकिन इस वर्ष नंबर प्लेट पहचान (एनपीआर) प्रणाली तैनात की जाएगी, जिससे वीडियो के आधार पर वाहन प्लेट का पता लगाया जा सकेगा. यह सिस्टम प्रत्येक वाहन या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन का वीडियो रिकॉर्ड और स्नैपशॉट लेगा. इसे ड्राइवर की छवि कैप्चर करने के लिए कई कैमरों या सेंसर के साथ एकीकृत किया जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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