पड़ोसी देश बांग्लादेश मे तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है लेकिन फिर भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खासकर हिन्दू समुदाय के लोगों पर हमले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. उनके घर, दुकान और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने हिन्दू महिलाओं को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. हिन्दुओं को लगातार पीटा जा रहा है. पिछले 4 दिनों में सैंकड़ों की संख्या में हिंदुओं के घरों में आगजनी की गई. मंदिरों पर हमला किया गया.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की घटनाओं की एक सूची बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद द्वारा जारी की गई है. इस सूची में कई जिलों में हुए हमलों और अत्याचारों का उल्लेख किया गया है. सुन्दरबन, जालमा बाजार, नारायणगंज, मुंशीगंज, किशोरगंज, फरीदपुर जिलों में उपद्रवियों ने हिन्दु समुदाय के लोगों के घर क्षतिग्रस्त कर दिए, महिलाओं के साथ दुव्यवहार किया. हिन्दू परिवारों को धमाकर उनके घरों में सरेआम लूट पाट की गई. बांग्लादेश में रहे रहे हिन्दू दहशत में हैं और अब वो अपना वतन छोड़ देना चाहते हैं.
बड़ी संख्या में हिन्दू परिवार पश्चिम बंगाल स्थित भारत की सीमा के पास इकट्ठा हो गए हैं. कुचविहार सीमा पर बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, कंटीले तारों से करीब 400 मीटर दूर गैबंडा जिले के गेंडुगुरी और दैखवा गांवों में एकत्र हो गए हैं वो सुबह से वहां खड़े हुए हैं. इतनी तादाद में बांग्लादेशी हिन्दुओं को देखते हुए बीएसएस के जवान भी चौंकने हो गए हैं. शीतलकुची के पठानटुली गांव में पर्याप्त संख्या में बीएसएफ के जवान तैनात किए गए हैं और लगातार गश्त की जा रही है. बीएसएफ के जवान सीमा पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं.
बता दें इससे पहले पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 1 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी हिंदू पहुंच गए थे. वे बॉर्डर पार कर भारत आना चाह रहे हैं लेकिन BSF ने इन्हें रोककर रखा है. BSF ने उन्हें सतकुरा सीमा पर रोक लिया है.
बांग्लादेश में प्रताड़ित हो रहे ये हिन्दू समाज के लोग अब भारत में शरण लेने की बात कर रहे हैं. लेकिन बीएसएफ के जवान उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसा नहीं हो सकता. वहीं वहीं भारतीय लोग भी इस भीड़ से सशंकित हैं. भारतीयों का कहना है कि अगर ये लोग भारत में प्रवेश कर गए तो खाने के लाले पड़ जाएंगे.
मोदी सरकार ने अब बांग्लादेश में जारी तनाव की स्थिति के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. ये समिति बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखेगी. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पूर्वी कमान के अपर महानिदेशक (एडीजी) इस समिति के अध्यक्ष होंगे.
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार, मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, सीमा पर निगरानी के लिए समिति का किया गठन
कमेंट