बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. मुहम्मद युनूस इस सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. वहीं बांग्लादेश में बढ़ते असंतोष के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भागकर भारत आ गई और वो एक सप्ताह से भारत में ही हैं. अब शेख हसीना का वो संदेश सामने आया है. जो वो बांग्लादेश छोड़ने से पहले राष्ट्र के नाम देना चाहती थी. अभी तक ये संदेश सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आ पाया था. लेकिन सत्ता परिवर्तन के एक सप्ताह बाद शेख हसीना का संदेश सामने आया है.
अमेरिका पर लगाया साजिश रचने का आरोप
इस संदेश में शेख हसीना ने अमेरिका पर बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की साजिश रचने का आरोप लगाया है. शेख हसीना ने कहा कि, मैं सत्ता में बनी रह सकती थी, अगर मैं सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका के सामने समर्पित कर दी होती और उसे बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति दे दी होती. मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं, कि आप कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं.”
इस्तीफा देने की बताई वजह
पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफा देने और भारत में शरण लेने की बात भी संदेश में बताई. शेख हसीना ने कहा, ‘ मैंने इस्तीफा दे दिया, ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े. वे छात्रों के शवों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने इसकी अनुमति नहीं दी. मैंने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.’ उन्होंने कहा, “अगर मैं देश में रहती, तो और अधिक जानें जातीं, अधिक संसाधन नष्ट हो जाते. मैंने बाहर निकलने का बेहद कठिन निर्णय लिया. मैं आपकी नेता हूं, क्योंकि आपने मुझे चुना, आप मेरी ताकत थे.”
कट्टरपंथियों के बहकावे में ना आएं- शेख हसीना
शेख हसीना ने अपने संदेश में आवामी लीग के कार्यकर्ताओं की हिम्मत बढ़ाई है, और देश के युवाओं से कट्टरपंथियों के बहकावे में ना आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि, ‘मेरा स्टाफ, जो वहां हैं, हिम्मत नहीं हारेंगे. अवामी लीग बार-बार खड़ी हुई है. आपने इसे बनाया. निराश मत होइए. मैं जल्द ही लौटूंगी. इंशाअल्लाह.’ हार मेरी है लेकिन जीत बांग्लादेश के लोगों की है. वह लोग जिसके लिए मेरे पिता और मेरे परिवार ने अपनी जान दे दी. मुझे खबर मिली है कि कई नेता पहले ही कार्यकर्ताओं की हत्या कर चुके हैं और घरों में तोड़फोड़ कर आग लगा चुके हैं. अल्लाह तुम्हारी मदद जरूर करेगा.
मैंने युवाओं को रजाकार नहीं कहा- हसीना
शेख हसीना ने युवाओं को रजाकार कहने के मुद्दे पर भी अपनी बात कही, शेख हसना ने कहा, ‘’मैं अपने युवा छात्रों से दोहराना चाहूंगी, मैंने आपको कभी रजाकार नहीं कहा. मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप उस दिन का पूरा वीडियो देखें. एक समूह ने आपके खतरे का फायदा उठाया है. मुझे विश्वास है कि आप एक दिन इसका एहसास कर पाएंगे. मेरे देशवासियों, स्वस्थ रहो…मेरे सुनहरे बांग्ला का ख्याल रखना, जय बांग्ला जय बंगबंधु.
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