अमेरिकी अकबार न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने चीन की चालबाजी का खुलासा किया है. हालांकि इस रिपोर्ट को देखते हुए अब भारत को सावधान होने की जरूरत है. चीन भारत के खिलाफ अपनी चाल के तहत सीमा पर भारत को चारों तरफ से घेर रहा है.
कम्यूनिस्ट ड्रैगन लद्दाख से अरुणाचल तक अपनी भारत से सटी सरहद के पास तेजी से गांव बसाता जा रहा है. रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि कुकुरमुत्ते की तरह देखते ही देखते उगते इन गांव में न सिर्फ फौजियों को बसाया जा रहा है बल्कि यहां चीनी लोगों को भी इन गांवों में रखा जा रहा है. इसका पूरा खर्च बीजिंग उठा रहा है. ऐसे गांव दो चार नहीं है बल्कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक कई संख्या में ये गांव बसाए गए हैं.
न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने चीन की पोल खोलते हुए ये साफ हो गया है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच हो रही कई दौर की शांति वार्ता चीन के लिए सिर्फ एक दिखावा है और कुछ नहीं.
रिपोर्ट में साफ है कि चीन अपने भारत विरोधी एजेंडे के तहत सीमा पर न सिर्फ सैन्य ढ़ांचे को मजबूत कर रहा है बल्कि वह यहां 50 से अधिक गांव बसा चुका है. यहां रह रहे लोगों के लिए चीनी सरकार संसाधनों की कमी की पूर्ति के लिए बीजिंग से सहायता पहुंचा रही है. चीन द्वारा इतना सब कुछ इसलिए किया जा रहा है कि वह भारत पर करीब से नजर रख सके.
यहीं नहीं चीन वहां मौजूद गांवों का भी विस्तार कर रहा है. अमेरिकी अकबार का कहना है कि चीन एक तरह से वहां एक दीवार खड़ा कर रहा है. इस दीवार की पहरेदारी के लिए लोग और निगरानी के लिए सैनीको की तैनाती कर रहा है. आपको बता दें कि सीमा के आसपास पुल और संचार टावर खड़े करने की पुष्टि तो पहले ही हो चुकी है. सैटेलाइट से कुछ तस्वीरें हैं जिन्होंने यहां अन टावर के अलावा रिहायशी भीड़ का भी खुलासा किया है.
चीन द्वारा बसाया गया एक नया गांव है किओंगलिन है जो हिमालय के ठीक तल के पास ‘उगा’ यह गांव जहां पर बना है वह जगह कभी बहुत वीरान हुआ करती थी. पूरा इलाका जंगली था. अब वहां यह गांव बस चुका है, जहां पक्के घर हैं, चौड़ी सड़कें हैं. अन्य स्थानों से पैसे का लालच देकर लोगों को वहां बसाया गया है. चीन इन लोगों को पहरेदार कह चुका है. अकबार ने पिछले 8 सालों में यहां चीन द्वारा स्थापित चौकियों की भी पुष्टी की है.
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